भोजपुरी इंडस्ट्री का जिक्र हो और राधेश्याम रसिया का नाम न आए, ऐसा संभव ही नहीं है। एक दौर में राधेश्याम रसिया के तमाम भोजपुरी गीत चर्चा में रहते थे। पान की दुकान से लेकर शादी-ब्याह में उनके गाने बजा करते थे। हालांकि राधेश्याम पर अश्लील गानों को बढ़ावा देने का आरोप भी लगा। ‘राजा-राजा-राजा… करेजा में समा जा’ जैसे तमाम मशहूर गीत गाने वाले राधेश्याम अब लंबे समय से गायकी से दूर हैं।
राधेश्याम अब पहले से बिल्कुल अलग दिखाई देते हैं। वह काफी कमजोर दिखने लगे हैं और अपना ज्यादा वक्त बिहार के पैतृक गांव में ही बिताते है। एक इंटरव्यू के दौरान रिपोर्टर ने जब उनसे पूछा कि आप काफी दुबले हो चुके हैं तो राधेश्याम ने कहा, ”लोगों को मेरे वजन से मतलब है या मेरी गायकी से? शरीर है मशीन तो नहीं है… डॉक्टर लोग किस लिए बैठे हैं।’
राधेश्याम रसिया ने कहा कि ‘मैं भरवा मिर्चा नहीं हूं जो फीकी होती है। मैं पतली मिर्च हूं, अगर मुझे किसी ने काट लिया तो बहुत तीखा लगेगा।”
इस बात पर भड़के राधे श्याम: राधेश्याम रसिया से जब अश्लील गीतों को लेकर सवाल किया गया तो वे भड़क गए। उनसे पूछा गया कि आपके समय में अश्लीलता चरम पर आ गई थी। गानों में कोई स्तर नहीं होता था, गीत अश्लीलता में भीगा हुआ करता था। इसपर राधे श्याम ने कहा- हम कोई अश्लील गीत नहीं गाए। गुड्डू रंगीला के गाने के बाद मुझमें भी जोश आ गया और मैंने भी गाना गा दिया था।’ लेकिन अपने गाने को अश्लील मानने से उन्होंने साफ इनकार कर दिया।
जब उनसे पूछा गया कि बिना अश्लीलता के बिना भोजपुरी गाना चल सकता है या नहीं? इसपर जवाब देते हुए उन्होंने कहा बिल्कुल चल सकता है। उनका कहना था कि कलाकार में दोष नहीं होता है, पब्लिक में होता है। कोई नहीं चाहता है अश्लील बात बोलना। पब्लिक ही चाहती है, जिसके कारण ये सब परोसा जाता है।
शराब को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राधेश्याम ने कहा कि मुझे बदनाम किया गया…। मैं शराब नहीं पीता हूं, मैं जो पीता हूं वो शायद ही कोई पीता होगा। किसी को गम का नशा है, किसी को जमीन का नशा है, किसी को प्यार का नशा है। मैं जो सैड सॉन्ग गाता हूं,मेरे गानों से साबित होता है कि मैं दीवाना हूं।
