भोजपुरी गायक और अभिनेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने अपने करियर में बहुत संघर्ष देखें हैं। एक गायक से अभिनेता बनने का उनका सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा। चूंकि उनके परिवार में उनके पिता और भाई गायकी करते थे इसलिए उन्होंने गायकी को ही अपने करियर के रूप में चुन लिया और गांव- गांव जाकर वो प्रोग्राम करने लगे। लेकिन कई बार ऐसा होता था कि लोग प्रोग्राम तो करवा लेते थे लेकिन उन्हें इसका पैसा नहीं देते थे। दिनेश लाल ने प्लानेट भोजपुरी नामक एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में अपनी संघर्ष की कहानी बताई।
उन्होंने कहा, ‘शुरू में मुझे बहुत संघर्ष करना पड़ा। कहीं हम प्रोग्राम करने जाते थे, रात भर गाना गाया और सुबह पैसा ही नहीं मिला। पैसा नहीं मिला तो पैदल ही आना पड़ा बहुत बार। हम सोच कर चलते थे कि जाने का किराया ले लेते हैं, उधर से प्रोग्राम के बाद तो पैसा मिल ही जाएगा और गाड़ी से आ जाएंगे। लेकिन पैसा नहीं मिलता था तो उधर से पैदल ही सिर पर हारमोनियम और ढोलक रखकर आते थे घर। ऐसा बहुत बार हुआ है।’
दिनेश लाल ने बताया कि वो इस बात से बहुत तंग आ गए थे और उन्होंने गायकी छोड़ने का मन भी बना लिया था लेकिन उनके पिता ने उन्हें समझाया। उन्होंने कहा, ‘एक बार तो मुझे ऐसा लगा कि इसका कोई मतलब है नहीं, मुझे इसमें सफलता नहीं मिलेगी। इसमें बहुत संघर्ष है, मुझे छोड़ देना चाहिए। ये बात मैंने अपने पिताजी से जब शेयर की तो उन्होंने कहा कि नहीं इसे छोड़ो मत, लगे रहो। जितने लोग तुम्हें अवॉइड कर रहे हैं, जो तुम्हें छोड़ कर चले जा रहे हैं, वो तुमसे मिलने को तरसेंगे लेकिन मिल नहीं पाएंगे।’
उन्होंने आगे बताया कि पिता की इस बात को उन्होंने बहुत ही गंभीरता से लिया और गायकी करते गए। दिनेश लाल ने बताया कि जब वो 19 साल के थे तब उनके पिता का देहांत (साल 2001 में) हो गया। इसके बाद घर की सारी जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई और इसी कारण उन्होंने गायकी के अलावा एल्बम्स निकालना शुरू किया। और एलबम्स ने उन्हें बहुत पहचान दिलाई जिसके बाद वो फिल्मों में आए।