Manoj Tiwari: मनोज तिवारी आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। गायिकी और अभिनय में शानदार सफलता के बाद आज वह राजनीति में सफल पारी खेल रहे हैं। लेकिन कभी ऐसा भी समय रहा जब वह काफी स्ट्रगल से जूझ रहे थे। यूं तो बीएचयू से फिजिकल एजुकेशन टीचर का कोर्स करने के बाद वह अध्यापन करना चाहते थे लेकिन हालात ने उन्हें गायक बना दिया। शौकिया गाने वाले मनोज तिवारी को एक रामलीला में गाता देख बड़े भाई ने उन्हें गायक बनाने की सोची और अपने पैसे से गाने के कई एल्बम निकलवाए लेकिन सब के सब फ्लॉप हो गए थे। इस दौरान वह मशहूर म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज( T Series) के दफ्तर के चक्कर भी लगाते थे लेकिन जब वहां जाते तो टी-सीरीज के लोग उन्हें देख भागने लगते। एक इंटरव्यू में मनोज तिवारी ने अपने जीवन के बारे में बताते हुए इस बात का खुलासा करते हैं कि, ‘जब मैं टी-सीरीज में जाता था तो वहां के लोग मुझे देखकर भागने लगते थे। वह कहते थे कि देखो फिर आ गया बीएचयू वाला।’
टी-सीरीज से पहली कैसेट कैसे निकली इस बात का जिक्र करते हुए मनोज तिवारी ने बताया था कि, ‘मेरे दो तीन गाने के एल्बम के नहीं चलने के बाद भी भैया थके नहीं। वह कहते थे कि तुझे सिंगर बना कर रहेंगे। इसके बाद फिर एक एल्बम निकलवाए। गाने रिकॉर्ड करने के बाद दो घंटे के बचे समय में मैं मां के बताए अनुसार अपनी टीम के साथ एक गाना रिकॉर्ड कर लिया था। एक महीने बाद मैं जेब में कैसेट लिए ही वैष्णों देवी चला गया। वहां से लौटने के बाद मैं फिर से टी-सीरीज गया। उस दो घंटे में रिकॉर्ड किए हुए गाने के कैसेट को गुलशन कुमार को सुनाया। गाने का ऐसा म्यूजिक था कि वहां मौजूद सारे लोग साढ़े 9 मिनट के गाने को बिना पॉज किए ही सुनते रहे। सब हमको देख रहे थे। बोले ये तो बहुत अच्छा गाना है। दो महीने बाद उस गाने की कैसेट निकली और मैं सुपरस्टार बन गया।’