दिनेश लाल यादव जिन्हें ‘निरहुआ’ के नाम से जाना जाता है, भोजपुरी फिल्म जगत के जाने – माने अभिनेता और गायक हैं। दिनेश लाल उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से संबंध रखते हैं। उन्होंने भोजपुरी फिल्मों में साल 2007 में कदम रखा था, फिल्म थी, ‘ चलत मुसाफिर मोह लियो रे।’ उसके बाद साल 2008 की फिल्म ‘निरहुआ रिक्शावाला’ ने तो उन्हें यूपी बिहार के हर घर में पहचान दिला दी। दिनेश लाल ने भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में निरहुआ हिन्दुस्तानी, पटना से पाकिस्तान, बॉर्डर आदि कई हिट फिल्में दी हैं। लेकिन फिल्मी दुनिया में आने से पहले दिनेश लाल एक गायक थे। उनका पूरा परिवार ही गायकी के लिए जाना जाता था।
गायकी से फिल्मों का सफ़र- एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में दिनेश लाल ने बताया था कि उन्हें अब आश्चर्य होता है कि वो भोजपुरी जगत में इतने बड़े नाम हैं। उन्होंने बताया, ‘ मैंने कभी सोचा नहीं था कि ये संभव हो पाएगा। मैंने तो बस यही सोचा था कि पिता और बड़े भाई की तरह एक गायक बनूंगा। जब मैं दोनों को स्टेज पर गाते देखता तो सोचता कि काश मुझे भी गाने का मौका मिले। बाद में जब गायक बन गया तो मुझे अपने ही एक गाने पर एक्टिंग करने का मौका मिला। वो गानों का एक वीडियो एल्बम था।’
घर से भागकर देखते थे फिल्में – दिनेश लाल ने बताया कि वो बचपन से ही फिल्मों के बड़े दीवाने थे। घरवाले पढ़ने भेजते तो वो स्कूल छोड़ सिनेमा देखने निकल जाते। उन्होंने बताया, ‘ मुझे बचपन से ही फिल्में देखने का बड़ा शौक था और इतना शौक था कि स्कूल से ही भाग – भाग कर मैं फिल्में देखा करता था। और जब मुझे पहली बार मौका मिला अपने ही गाने पर एक्टिंग करने, यानि खुद को टीवी पर देखने का तो लगा कि यह मेरे लिए सबसे बड़ा मौका है जीवन का। मैंने सोचा बाद में मौका मिले न मिले, इसी में जितना कर सकता हूं कर लूंगा ताकि जीवन भर रख कर देख पाऊंगा इसे।’
गायकी और एक्टिंग की नहीं ली ट्रेंनिग – दिनेश लाल का कहना है कि उन्होंने न तो गायकी के लिए कुछ ज़्यादा ट्रेनिंग ली न ही फिल्मों के लिए। दिनेश लाल कहते हैं, ‘ मैंने एक्टिंग की कोई ट्रेनिंग नहीं ली, मौका ही नहीं मिला। मैंने सोचा भी नहीं था कि मुझे फिल्मों में जाना है तो सीखने की सोची भी नहीं। जब फिल्म मिली मुझे तो मैंने डांस और फाइट की ट्रेनिंग ली। और सब जो चीज़े थीं, वो अपने आप ही आ गई।’