भोजपुरी गीतकार ब्रज किशोर दूबे (Braj Kishore Dubey Death) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। ब्रज किशोर दुबे की लाश उनके दोस्त के घर के बाथरूम में मिली है। उनका पैर गमछे से बंधा था और सिर पानी में डूबा था। 68 वर्षीय ब्रज किशोर के शव के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है। ब्रज किशोर दुबे को राष्ट्रपति से ‘संगीत नाटक अकादमी’ पुरस्कार भी मिला था।

पुलिस हत्या के एंगल से भी कर रही है जांच

जानकारी के मुताबिक ब्रज किशोर दुबे का एक दोस्त पटना के पाटलिपुत्र क्षेत्र के केसरी नगर इलाके में किराये के कमरे में रहता है, यहीं से उनका शव बरामद किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक दुबे के दोनों पैर गमछे से बंधे थे और उनका आधा शरीर कुर्सी और सिर पानी के टब में डूबा हुआ था। पुलिस को सुसाइड नोट मिला है, लेकिन शव की हालत देखते हुए पुलिस इस मामले में हत्या और आत्महत्या दोनों ही बिंदुओं से जांच कर रही है।

ब्रज किशोर लोकगायक और गीतकार थे। उन्होंने ‘बिहारी बाबूट’ समेत कई भोजपुरी फिल्मों के लिए गीत लिखे हैं। वो भोजपुरी अकादमी में सहायक निदेशक पद से रिटायर हुए थे और अकाशवाणी पटना से भी जुड़े थे।

परिवार को सुसाइड का भरोसा नहीं:

ब्रज किशोर के दामाद का कहना है कि उनके ससुर आत्महत्या नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि ब्रज किशोर हर तरह से संपन्न थे और बड़े गीतकार होने के नाते उन्हें काम भी मिलता रहता था। ऐसे में वो आत्महत्या क्यों करेंगे? वहीं, पुलिस ने यूडी (अननैचुरल डेथ) का केस दर्ज कर लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी।

अक्सर दोस्त के घर जाया करते थे

बताया जा रहा है जिस दोस्त के घर में ब्रज किशोर का शव मिला है, वहां गायन और क्लासिकल डांस की ट्रेनिंग भी दी जाती थी। जिस दिन ब्रज किशोर की मौत हुई, उस दिन उनका दोस्त सोनपुर गया हुआ था। ब्रज किशोर ने अपने दोस्त से चाबी ले ली थी और रविवार (13 नवंबर) की दोपहर वो अपने घर पर खाना खाने के बाद वहां चले गए थे।

घरवालों ने बताया कि वो अक्सर वहां जाया करते थे। लेकिन रविवार को जब घर नहीं लौटे तो घरवालों ने अगली सुबह उन्हें कॉल और मैसेज किए। लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने वहां जाकर देखा।