Bhojpuri Adda: एक्टर रवि किशन के पास 2024 में जश्न मनाने के कई कारण हैं। उनकी फिल्म ‘लापता लेडीज़’ का ऑस्कर में जाना उनके लिए गर्व की बात है। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में लगभग 34 सालों तक रहने के बाद, रवि किशन को लगता है कि आखिरकार उन्हें वह हक मिल रहा है जिसके वे हकदार हैं। हालांकि, एक्टर भोजपुरी इंडस्ट्री को लेकर थोड़ा निराश हैं।
स्क्रीन के साथ एक विशेष बातचीत में, रवि किशन ने बताया कि रीजनल सिनेमा ने हाल ही में जो उछाल देखा गया है, इस मामले में भोजपुरी इंडस्ट्री पीछे रह गई है। इसके साथ ही उन्होंने इसके पीछे का कारण भी बताया। अपने स्ट्रगल के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे वो भोजपुरी इंडस्ट्री शुरू करने के लिए प्रेरित हुए।
मिथुन से की खुद की तुलना
उन्होंने कहा, “अजय देवगन, अक्षय कुमार और मैंने एक साथ एंट्री की थी, वे सभी आगे बढ़ गए और मैं अकेला पीछे रह गया। फिर मैंने अपनी खुद की भोजपुरी इंडस्ट्री बनाई। मैं एक बड़ी रेस में था; मैं ट्रेन्ड था, कुछ हद तक मिथुन चक्रवर्ती जैसा दिखता था, लेकिन मुझे कोई मौका नहीं मिल रहा था।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं सेकेंड लीड, थर्ड लीड किरदार निभाते-निभाते थक गया था, तभी मुझे ‘सइयां हमार’ नाम की भोजपुरी फिल्म करने का मौका मिला। मैंने इसे इसलिए लिया क्योंकि मैं 8-9 साल तक संघर्ष करने से बहुत निराश हो गया था, उस फिल्म ने मुझे बड़ी सफलता दी और मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिर मुझे बिग बॉस मिला और उस शो ने मुझ पर रीजनल एक्टर का ठप्पा लगा दिया, जो ‘लापता लेडीज’ के साथ धुल गया। लेकिन ‘बिग बॉस’ के बाद, मुझे मणिरत्नम और श्याम बेनेगल के साथ फिल्में मिलीं और मैं बॉलीवुड में लौट आया, लेकिन ऐसा कोई दिन नहीं था जब मैंने सोचा नहीं था कि मुझे अपना बैग पैक करके निकलना होगा।”
उनसे भोजपुरी इंडस्ट्री के कुछ सालों के स्ट्रगल को लेकर सवाल किया गया, जिसपर रवि किशन ने कहा, “क्योंकि मेरे सभी जूनियर हीरो सिर्फ पैसा कमाना चाहते हैं, निर्देशन या लेखन पर खर्च नहीं करना चाहते हैं। अब उस गति को हासिल करना बहुत मुश्किल है। मैंने इसे नेशनल अवॉर्ड जीतने की स्थिति तक पहुंचा दिया था, लेकिन सभी जूनियर सुपरस्टार्स ने इंडस्ट्री को बर्बाद कर दिया। अब दर्शक उनसे आगे निकल गए हैं, वे सिनेमाघरों में नहीं जा रहे हैं और फिल्में ओटीटी पर शिफ्ट हो रही हैं।”
उन्होंने यह भी कहा, “वे यह नहीं समझते कि पैसा जरूरी है, लेकिन सिनेमा पर ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है। मुझे नहीं पता कि वे अब इंडस्ट्री को कैसे संभालेंगे। मेरे पास इंडस्ट्री को फिर से स्थापित करने के लिए अपनी सारी एनर्जी लगाने का समय नहीं है। जब बाकी लोग नहीं समझेंगे तो मैं अकेले कितना कुछ कर पाऊंगा?”
‘लापता लेडीज’ के ऑस्कर के लिए नॉमिनेट होने को लेकर रवि किशन ने कहा कि उन्होंने इस दिन के लिए 34 साल तक इंतजार किया है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें…