एक्ट्रेस दीपिका चिखलिया (Deepika Chikhalia) टीवी सीरियल ‘रामायण’ (Ramayana) के लिए जाना जाता है। इसमें उन्होंने ‘सीता’ का रोल प्ले कर घर-घर में पॉपुलैरिटी हासिल की थी। इस शो में काम करने के बाद एक्ट्रेस की जो छवि थी वो लोगों के बीच सीता माता के जैसी ही हो गई। उन्हें ही सीता समझने लगे और पूजने लगे। वहीं, अरुण गोविल को भगवान राम समझने लगे। ऐसे में दीपिका चिखलिया के बारे में ज्यादातर लोग जानते होंगे कि वो बी-ग्रेड फिल्मों का भी हिस्सा रही हैं लेकिन, उनकी भोजपुरी फिल्म के बारे में बहुत कम ही लोगों को पता होगा। उनकी इस फिल्म का गाना आज भी गांवों में खूब पॉपुलर है। बच्चे के जन्म के बाद इस गीत को गाया भी जाता है, जिसे पूर्वांचल के क्षेत्रों और बिहार में सोहर गीत भी कहा जाता है। चलिए बताते हैं एक्ट्रेस की इस फिल्म के बारे में…

अगर आप भोजपुरी सोहर गीत से रूबरू होंगे तो आपने ‘जुग जुग जिया तू ललनवा’ जरूर सुना होगा। हालांकि, ये गीत भोजपुरी के पॉपुलर लोक गीतों में से एक है लेकिन, ये लोगों की जुबान पर तब चढ़ था जब इसे दीपिका चिखलिया पर फिल्माया गया था। इसे आज भी यूपी और बिहार के लोग सुनना पसंद करते हैं। पूर्वांचल और बिहार में जब भी किसी का बच्चा जन्म लेता है तो सोहर गीत में ये गाना भी आपको सुनने के लिए मिल ही जाएगा।

37 साल पहले भोजपुरी फिल्म में किया था काम

गाना ‘जुग जुग जिया तू ललनवा’ को दीपिका चिखलिया पर भोजपुरी फिल्म ‘सजनवा बैरी भइले हमार’ में फिल्माया गया था। इसे मूवी को 1987 में रिलीज किया गया था। यानी कि देखा जाए तो 37 साल पहले ही टीवी की सीता ने भोजपुरी फिल्मों में काम कर लिया था। ये बात उन दिनों की है जब भोजपुरी अपनी पहचान बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही थी। फिल्म ‘सजनवा बैरी भइले हमार’ का निर्देशन दिलीप बोस ने किया था।

सुजीत कुमार संग शेयर की थी स्क्रीन

इसमें दीपिका चिखलिया के साथ सुजीत कुमार और मनोद वर्मा भी अहम भूमिकाओं में थे। फिल्म में इनकी एक्टिंग को काफी पसंद किया गया था। इसे लोग आज भी याद करते हैं। फिल्म का सोहर गीत तो आज भी पॉपुलर है साथ ही इसके बाकी गाने भी पुराने जमाने के लोग सुनना पसंद करते हैं। इसमें आप भोजपुरी की अलग ही मिठास को महसूस कर पाएंगे। जहां, आज भोजपुरी की अश्लीलता की नजर से देखा जाता है वहीं, ये फिल्म और इसके गाने इस नजरिए को खत्म करते हैं।

बी-ग्रेड और बॉलीवुड में भी किया काम

दीपिका चिखलिया ने एक्टिंग में करियर की शुरुआत साल 1983 में की थी। उनकी डेब्यू फिल्म ‘सुम मेरी लैला’ थी। ये बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही थी। इसके बाद उन्होंने ‘पत्थर’, ‘भगवान दादा’ और ‘घर संसार’ जैसी कई फिल्मों में काम किया था। हालांकि, इसके बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिल सकी थी। फिर उन्होंने बी-ग्रेड फिल्मों का रुख किया था। कहा जाता है कि फ्लॉप फिल्मों की वजह से उन्हें बॉलीवुड में काम मिलना मुश्किल हो गया था। वहीं, उनका कोई फिल्मी बैकग्राउंड भी नहीं था। उन्होंने ‘चीख’ और ‘रात के अंधेरे’ में काम किया। इसमें उनके कुछ सीन्स काफी चर्चा में रहे थे। इसमें से एक बाथटब का सीन था।

‘रामायण’ से पलटी किस्मत

इतना ही नहीं, दीपिका का करियर जब डूबने की कगार पर पहुंच रहा था तो उन्होंने टीवी का भी सहारा लिया। यहां उन्होंने ‘विक्रम बेताल’ और ‘पेइंग गेस्ट’ में काम किया। इस सीरीयल को भी रामानंद सागर ने ही बनाया था। लेकिन, एक्ट्रेस की किस्मत रामानंद सागर की ‘रामायण’ से पलटी। इस सीरियल के बारे में जैसे ही दीपिका को पता चला था तो उन्होंने इसमें काम करने की इच्छा जाहिर की थी और वो सीता बनकर पॉपुलर हो गई्ं। उन्हें आज भी इसके लिए याद किया जाता है और लोग सच में सीता समझकर पूजते हैं।

टूटता चला गया एक्ट्रेस बनने का सपना

हालांकि, इसके बाद उनका एक्ट्रेस बनने का सपना टूटता चला गया क्योंकि उनकी छवि सीता मां के जैसी देखी जाने लगी थी तो रोमांटिक सीन उन पर फिल्माए नहीं जा सकते थे। उन्हें कोई मेकर अपनी फिल्मे में लेने के तैयार नहीं था। इसके बाद उनके रोल्स लिमिटेड होते चले गए। इसी दौरान उन्होंने राजेश खन्ना के साथ कुछ फिल्में जरूर की थी। इसमें ‘रुपया 10 करोड़’, ‘खुदाई’ और ‘घर का चिराग’ जैसी फिल्में थीं।