2022 में बॉलीवुड के बड़े सितारों की सिर्फ फिल्में ही नहीं डूबी बल्कि वेब सीरीज के साथ भी वही हुआ, माधुरी दीक्षित की ‘द फेम गेम’ हो या जूही चावला की ‘कमबैक’, ‘हश-हश’ ये सीरीज कामयाब नहीं हुई, अजय देवगन का ओटीटी डेब्यू रुद्र: द एज ऑफ डार्कनेस जरूर समफल हो गया मगर इस साल जिन वेब सीरीज ने दिल जीता उनके सितारे नहीं बल्कि उनकी कहानी असली हीरो थी।
गुल्लक 3 (Gullak 3)
मिस्टर और मिसेज मिश्रा और उनके दो बेटे (जमील खान, गीतांजलि कुलकर्णी, वैभव, हर्ष मायर) हमें अपने मामूली घर में आमंत्रित करने के लिए तीसरी बार वापस आए, जिससे हमें एक बार फिर उनके छोटे-छोटे सुख-दुखों की झलक मिली। कहानी ने इस बार फिर से दिल जीता और साल की बेस्ट वेब सीरीज में से एक बन गई।
पंचायत 2
सचिव जी, प्रधान जी, प्रधान पति जी, और पंचायत को पूरा करने के लिए गांव वाले, क्या शानदार कहानी रही और क्या शानदार अभिनय रहा। जितेंद्र कुमार, नीना गुप्ता, रघुबीर यादव, चंदन रॉय और कंपनी ने हमारा पहले ही सीजन की तरह खूब मनोरंजन किया और हंसाने के साथ हमें रुला भी गया।
दिल्ली क्राइम 2
जिन पुलिसवालों को हमने पहले भाग में जाना था वे वापस आ गए हैं। पहली सीरीज निर्भया बलात्कार पर आधारित थी। इस बार शेफाली शाह, राजेश तैलंग, रसिका दुग्गल, आदिल हुसैन दिल्ली कॉलोनियों में बुजुर्ग जोड़ों की नृशंस हत्याओं को सुलझाने में लगे हुए हैं। क्या शानदार सीरीज है अगर आपने नहीं देखी है तो जरूर देख डालिए।
रॉकेट बॉयज़
रॉकेट बॉयज़ में होमी जे भाभा, विक्रम साराभाई और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए उस काम के बारे में बताया गया है जहां भारत अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को सफलतापूर्वक शुरू करता है। जिम सर्भ और इश्वाक सिंह द्वारा निभाए गए किरदार शानदार हैं। हां, कहीं-कहीं यह कहानी फिल्मी हो जाती है। लेकिन कुल मिलाकर, ‘रॉकेट बॉयज़’ कल्पना की एक भड़कीली उड़ान नहीं है, बल्कि सीधी और सिंपल कहानी है जो हम सबको पसंद आएगी।
खाकी: द बिहार चैप्टर
नीरज पांडे द्वारा बनाई और लिखी गई नेटफ्लिक्स सीरीज़, एक पुलिस वाले के वास्तविक जीवन के कारनामों पर आधारित है, जिसे बिहार के बुरे इलाकों में भेज दिया गया था। करण टैकर द्वारा निभाए गए एक ईमानदार आईपीएस अधिकारी औरअविनाश तिवारी द्वारा निभाए गए उनके विलेन के किरदार के बीच लंबी लड़ाई होती है। आशुतोष राणा का शानदार काम सीरीज को और भी बेहतरीन बनाने में कामयाब रही है।
गिल्टी माइंड्स
‘द प्रैक्टिस’ और ‘लॉ एंड ऑर्डर’ की तर्ज पर एक कानूनी थ्रिलर, बुद्धिमानी से लिखी गई और अच्छी तरह से अभिनय की गई सीरीज है। सभी का काम शानदार है और कहानी हमें शुरू से अंत तक बांधकर रखती है। अगर आपने नहीं देखी है ये सीरीज तो देख डालिए।
सास बहू और अचार
क्या एक ‘सास’ और ‘बहू’ एक दूसरे के सपोर्ट सिस्टम हो सकते हैं? ऐसा सुनने में जरूर आपको अटपटा लग सकता है लेकिन इस सीरीज ने साबित किया है कि ऐसा हो सकता है। पुरानी दिल्ली की गलियों में सास और बहू कैसे एक दूसरे का सपोर्ट करते हैं और आगे बढ़ते हैं, ये देखना वाकई शानदार रहा है। अगर आपने नहीं देखी है तो जरूर देख डालिए ये सीरीज।