पाकिस्तानी सरकार और सेना के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली बलूचिस्तान की एक्टिविस्ट करीमा बलोच की कनाडा के टोरंटो में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, करीमा रविवार को लापता हो गईं थीं और पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। इसी बीच पुलिस को उनका शव टोरंटो से मिला है। उनके मौत के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने की बात कही जा रही है। उनकी अचानक हुई मौत ने सबको सकते में डाल दिया है।

अभिनेत्री कंगना रनौत ने उनकी मौत पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो को ट्विटर पर टैग करते हुए कहा है कि करीमा के मौत के वही ज़िम्मेदार हैं। कंगना ने एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, ‘कितना शर्मनाक दिवस है! जस्टिन ट्रुडो आप इसके लिए जिम्मेदार हैं।’ कंगना ने जो ट्वीट रीट्वीट किया था उसमें लिखा था, ‘जस्टिन ट्रुडो और कुछ नहीं बल्कि एक ISI खालिस्तानी एजेंट हैं जो कनाडा पर रुल कर रहे हैं।’

करीमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना भाई मानती थीं। साल 2016 में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को राखी भेजकर उनसे मदद की गुहार लगाई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखा था, ‘रक्षाबंधन के दिन बलूचिस्तान की एक बहन भाई मानकर आपसे कुछ कहना चाहती है। बलूचिस्तान में कितने ही भाई लापता हैं। कई भाई पाक सेना के हाथों मारे गए हैं। बहनें आज भी लापता भाइयों की राह ताक रहीं हैं। हम आपको ये कहना चाहते हैं कि आपको बलूचिस्तान की बहनें भाई मानती हैं। आप बलोच नरसंहार, युद्ध अपराध, और मानवाधिकार हनन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बलूच बहनों की आवाज़ बनें।’

 

करीमा कनाडा में शरणार्थी के रूप में रह रहीं थीं और उनके एक्टिविज्म को देखते हुए 2016 में बीबीसी ने उन्हें प्रेरित और प्रभावित करने वाली 100 शीर्ष महिलाओं में शामिल किया था। करीमा ने संयुक्त राष्ट्र में भी पाकिस्तान में मानवाधिकारों के हनन की बात उठाई थी।

2019 में दिए एक एक इंटरव्यू में करीमा ने पाकिस्तान सरकार पर यह आरोप लगाया था कि वो बलूचिस्तान के खनिज संसाधनों को निकाल रही है और इसका लाभ वहां के लोगों को नहीं दिया जा रहा।