कथित लव जिहाद को लेकर कई राज्य सरकारों से लेकर कट्टर हिंदूवादी संगठनों ने भी मोर्चा खोल रखा है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश राज्यों की बीजेपी सरकारें इस पर कानून बनाने की दिशा में काम भी कर रहीं हैं। इस बीच ऐसी खबरें भी आती रहती हैं कि हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के की शादी को लव जिहाद कहकर शादी रुकवा दी गई। अभी एक ऐसी ही खबर आई जिसमें कट्टर हिंदूवादी संगठन बजरंग दल ने अंतर धार्मिक शादी में हिंदू लड़की को धमकी दी और उसके पति को अरेस्ट कर लिया।
इसी मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने ट्विटर पर एक ट्वीट किया और पूछा कि क्या इस देश मे संविधान का कोई मतलब है। उन्होंने अपने ट्वीट के साथ अपना लिखा एक लेख भी शेयर किया जिसमें मुस्लिम पति को बजरंग दल द्वारा अरेस्ट करवाए जाने की बात थी। आशुतोष ने ट्वीट किया, ‘अब बजरंग दल तय करेगा कि कौन किससे शादी करेगा? संविधान का कोई मतलब है?’
उन्होंने अपने लेख में यूपी के मुरादाबाद के एक घटना का ज़िक्र किया है जिसमें एक मुस्लिम युवक को इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उसकी शादी एक हिंदू लड़की से हो चुकी थी। उसकी शादी को 5 महीने हो चुके थे और वो अपनी हिंदू पत्नी के साथ रजिस्ट्रेशन ऑफिस पहुंचा था। तभी वहां बजरंग दल के लोग आए और युवक को पुलिस के हवाले कर दिया।
उनके इस ट्वीट पर लोग जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। अमरनाथ भरद्वाज लिखते हैं, ‘बहन बेटी को बचाना कौन सा गुनाह है? कोई कही शादी करे इससे परेशानी नहीं लेकिन झूठ बोलकर शादी करे उससे परेशानी है। और तुझे नहीं है तो इससे स्पष्ट है कि लड़कियों की कोई इज्जत नहीं है तुम्हारे काले दिमाग में।’
अब बजरंग दल तय करेगा कि कौन किससे शादी करेगा ? संविधान का कोई मतलब है ? #LoveJihaad #LoveJihadLaw @myogiadityanath @yadavakhilesh @Mayawati
https://t.co/Xp2VbHOfZU via @SatyaHindi
— ashutosh (@ashutosh83B) December 7, 2020
कुमार नाम के यूज़र लिखते हैं, ‘शादी तो लड़के – लड़की के मां – बाप ही तय करेंगे। जहां बात है धर्म छुपाकर शादी करने की तो वहां भुगतना लड़की को पड़ता है। जोश जोश में किया गया काम हमेशा ही गड़बड़ होता है।’ मुकेश शर्मा ने लिखा, ‘सिर्फ बजरंग दल ही नहीं हर हिंदू यह निर्णय लेगा कि किससे शादी करनी है और किससे नहीं। आपके दिमाग में जो चल रहा है वो हम समझ सकते हैं, फिर भी किसी से पूछने की जरूरत नहीं तुम्हें।’
युसूफ लिखते हैं, ‘संसद तो पहले से ही बंद है और न्याय के मंदिर भी सुने पड़े हैं। कुछ अदालतें जागृत होने का दिखावा कर रही है। फिर क्यों न इन सबको बंद कर बजरंग दल जैसे दलों के ही हाथों में देश की सत्ता और न्यायपालिका सौंप दी जाए। रोज मरने से तो अच्छा होगा देश का मुस्लिम एक साथ ही इनके हाथों मर जाए।’