योग गुरु बाबा रामदेव सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहते हैं। वे तमाम रोगों का योग के जरिए उपचार का सुझाव भी देते हैं, साथ ही समसामयिक मुद्दों पर भी खुलकर अपनी बात रखते हैं। बाबा रामदेव ने दिवाली से ठीक पहले अपने टि्वटर अकाउंट के जरिए एक फोटो शेयर की और कैप्शन लिखा, ‘ऐसी दिवाली मनाएं जो कई घरों को रोशन करे’। इस फोटो पर तमाम यूजर बाबा रामदेव को ट्रोल करने लगे और उन्हें स्वदेशी-काला धन की याद दिलाने लगे।
दरअसल, बाबा रामदेव ने जो तस्वीर शेयर की थी उसमें एक बुजुर्ग कुम्हार मिट्टी के बर्तन बनाता दिख रहा है। इसी तस्वीर पर यूजर बाबा रामदेव पर तंज कसने लगे। संदीप कुमार नाम के यूजर ने लिखा, ‘बाबा आपके मुंह से अच्छा नहीं लग रहा है। कृपया अब स्वदेशी के नाम पर जनता को लूटना बंद करें’।
अशरफ नाम के यूजर ने लिखा, ‘बाबा जो विदेश में काला धन था उसी में से इन्हें 15 लाख दिला देते, ताकि इनका भला हो जाता और डीजल ₹25 पेट्रोल ₹35 कर देते तो हमारा भी भला हो जाता। कोरोना वायरस की दवाई में जो आपने कमाया है, उसी में से कुछ खर्च कर देते बाबा’।
मिथिलेश राजपूत नाम के यूजर ने लिखा, ‘2000 करोड़ का रेवेन्यू है पतंजलि आयुर्वेद का। क्या आप ऐसे लोगों के लिये कोई मदद मुहैय्या नही करा सकते? सागर से एक बूंद छलका दीजिये, ऐसे गरीबों के दुख-दर्द दूर हो जाएंगे। ज्ञान किसे दे रहे हो महाराज जी’। दिनेश जसवाल नाम के यूजर ने बाबा रामदेव पर तंज कसते हुए पूछा ‘पेट्रोल ₹35 लीटर कब कराओगे व्यापारी जी?
ऐसी दीवाली मनाए जो कई घरों को रोशन करे,#swadeshidiwali pic.twitter.com/mCtIwV2pU1
— स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) November 3, 2020
दिनेश के इस ट्वीट का जवाब देते हुए आयुशी नाम की यूजर ने लिखा, ‘पेट्रोल भी आ जाएगा, कांग्रेस के द्वारा फैलाया हुआ कचरा जो देश में है, उसे तो साफ करने दो। अभी तो सिर्फ 6 साल ही हुए हैं’।
Aaapne kitne aise udyogon ko badawa Diya jahan machine ke bajai hathon se kaam hota hai. Kitne kisanon se aap directly Saman kharidte hi?
— Khajan C Joshi (@khajan) November 3, 2020
एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘हां सही कहा आपने। निजीकरण के बाद जनता की जिम्मेदारी तो बनती है कि गरीब व्यक्ति का घर रोशन करे। क्योंकि सरकार तो अमीरों के घर को अति रोशन करने में लगी है। कुछ मामलों में आपको पहले जैसे सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ भी बोलना चाहिए, क्योंकि सत्ता किसी एक व्यक्ति/पार्टी की जागीर नहीं’।