फिल्ममेकर अशोक पंडित ने ट्विटर पर शिरोमणि अकाली दल (SAD) नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का एक वीडियो शेयर किया है। अपने पोस्ट में अशोक पंडित सिरसा के लिए कहते हैं कि वह भी मौसम की तरह रंग बदलते हैं। अशोक पंडित कहते हैं- ‘मौसम के हिसाब से यह साहब भी अपना रंग बदलते हैं! इसलिए सिरसा साहब योगी आदित्यनाथ जी कि #Anticonversionbill का साथ दीजिए!’
पोस्ट में मनजिंदर सिंह सिरसा के दो वीडियो दिखाई देते हैं, पहले वीडियो में वह कहते नजर आते हैं-‘धर्म परिवर्तन पर जो बात कही जाती है, आपका धर्म इतना कमजोर क्यों है कि उसको कानून का सहारा लेकर अपना धर्म बचाना पड़े? ऐसा धर्म ही क्यों है? ऐसा धर्म होना ही पाप है। इसका मतलब धर्म में कमियां हैं। उन कमियों को बदलो। जो धर्म का संचालन करने वाले लोग हैे, उनमें कमियां हैं, उनको निकालो। जिसे धर्म के मामले में पुलिस का सहारा लेना पड़ता है, भाई उसमें मैं कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकता। पर ये अफसोस की बात है।’
सिरसा अपने दूसरे वीडियो में कहते सुने जाते हैं- ‘आज श्रीनगर में ये जो सड़क के ऊपर प्रोटेस्ट हो रहा है, हमारी जो दो बच्चियों का जबरन गन पॉइंट पर धर्म परिवर्तन कराया गया, उन्हें अगवा किया गया है, उनका निकाह पढ़ा गया, 50-50 साल के आदमियों के साथ। उसके बाद बच्चियों के माता पिता को वहां नहीं जाने दिया गया। हमारे नौजवानों ने जब इकट्ठा होकर प्रोटेस्ट किया तो रात को साढ़े दस बजे एक बेटी को हमारे हवाले किया गया। दूसरी बेटी अभी भी वहीं है। जबरन धर्म परिवर्तन किया गया है उनका, ये लव जेहाद है।’
मौसम के हिसाब से यह साहब भी अपना रंग बदलते हैं !
इसीलिए सिरसा साहब @myogiadityanath जी कि #Anticonversionbill का साथ दीजिए ! pic.twitter.com/O5fEyhaDL4— Ashoke Pandit (@ashokepandit) June 27, 2021
सिरसा वीडियो में आगे कहते हैं- ‘हम सरकार से आग्रह करते हैं कि तुरंत इनके खिलाफ एक्शन लिया जाए। जिस तरह से उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के अंदर जो कानून है जहां शादी जैसे मामलों मे माता-पिता और कोर्ट की इजाजत लेनी पड़ती है उस कानून को लागू किया जाए। पिछले एक महीने में हमारी 4 बच्चियां अगवा की गई है।’
अशोक पंडित के इस पोस्ट को देख कर ढेरों लोगों की प्रतिक्रिया सामने आने लगी। पवन नाम के यूजर सिरसा का वीडियो देख बोले- ‘जबतक अपना न जले, तब तक जलने का दर्द और अहसास नहीं होता।’
बीएमएस नाम के अकाउंट से कमेंट आया- ‘जब तक समस्या खुद की चौखट पर खड़ी नहीं हो गई तब तक सिरसा ये कर रहे थे। ऐसे ही अदूरदर्शिता व मूर्खतापूर्ण बयान देकर ये लोग अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा के लिए अपने ही लोगों को भटका रहे थे। भूल गए कि पारसी धर्म ईरान से कैसे लुप्त हो गया था।’
अखिलेश नाम के यूजर बोले- ‘शायद यह भूल गए होंगे! लेकिन एक हिंदुस्तानी इसे कभी नहीं भूल सकता। 26 दिसंबर 1704; गुरुगोबिंद सिंह के दो साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को इस्लाम धर्म कबूल न करने पर सरहिंद के नवाब ने दीवार में जिंदा चुनवा दिया था, माता गुजरी को किले की दीवार से गिराकर शहीद कर दिया गया था।’
तो किसी ने कहा- ‘ये साहब तब भी पॉलिटिक्स खेल रहे थे आज भी। तब फायदा हिंदू विरोध में दिखा, आज सिख समर्थन में हैं। इन्हें तब भी बच्चियों और उनके शोषण से कोई लेना देना नही था, आज भी नही है।’