फिल्ममेकर अशोक पंडित (Ashoke Pandit) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। अशोक ट्विटर पर बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। ताज़ा मामला राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष (Ashutosh) से जुड़ा हुआ है। कुछ देर पहले अशोक ने आशुतोष पर तंज कसते हुए पत्रकार रोहित सरदाना (Rohit Sardana) का एक वीडियो शेयर किया। वीडियो के साथ अशोक ने लिखा, ‘यह फेल पत्रकार कम नेता रोज़ न्यूज़ चैनलों पर अपनी बेइज्जती करवाता है। सारे न्यूज़ ऐंकर्स के लिए यह एक मनोरंजन का ज़रिया बन गया है ! आनंद रंगनाथन के लिए तो यह रोज़ का ग्राहक है। लेकिन मानना पड़ेगा भाई साहब अगले दिन फिर चले आते हैं।’
यह फ़ेल्ड पत्रकार कम नेता रोज़ न्यूज़ चैनल्ज़ पर अपनी बेज़्ज़ती करवाता है !
सारे न्यूज़ ऐंकर्ज़ के लिए यह एक एंटर्टेन्मेंट का ज़रिया बन गया है ! @ARanganathan72 के लिए तो यह रोज़ का ग्राहक है !
लेकिन मानना पड़ेगा भैसाहब अगले दिन फिर चले आते हैं ! @sardanarohit @aajtak pic.twitter.com/hbxLfvBNGa— Ashoke Pandit (@ashokepandit) June 29, 2020
फिल्म निर्माता के इस ट्वीट को देख कर फैंस भी मजे लेने लगे। एक यूज़र ने आशुतोष को ट्रोल करते हुए लिखा, पंडित जी इसकी और राहुल गांधी की कुंडली में राहु केतु बैठे हुए हैं! रोज दोनों की कोई ना कोई बेइजत्ती कर जाता हैं।’ वहीं एक अन्य यूज़र ने लिखा ग्राहक नहीं खुराक कहते हैं। आनंद रंगनाथन की रोज़ की खुराक हैं ये भाई साहब। पर इनकी प्रशंसा करनी चाहिए, इतनी बेइज्जती करवाते हैं पर फिर भी चेहरे पर मुस्कान ही रहती है।’ अशोक के ट्वीट पर आशुतोष को ट्रोल करने का सिलसिला यहीं नहीं थमा, एक अन्य यूज़र ने लिखा, ‘इतनी बेइजत्ती कराते हैं और कहलाते हैं राजनीतिक विश्लेषक।’
गौरतलब है कि अशोक पंडित मुखर रूप से सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने अरविंद केजरीवाल की पार्टी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था उन्होंने लिखा, आप लोग मानसिक तौर पर बीमार हो! जब आप से कुछ नहीं हो पाया तो भीख का कटोरा लेकर अमित शाह जी के पास गए। अब जब केन्द्र सरकार ने पूरा अपने कंट्रोल में लेकर एक इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया तो उनको गलियाने लगे। पीठ में छुरा भोंकना तो आपका चरित्र है।’
वहीं इससे पहले अशोक पंडित का एक ट्वीट काफी वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने नक्सलवाद के लिए नेहरू परिवार को जिम्मेदार ठहराया था। अशोक पंडित ने लिखा था कि, ‘भक्त अंधे हैं, ठीक है। मगर नेहरू खानदान की चप्पल चाटने वालों जरा आजादी की ‘किताब के पन्ने पलटकर देखो, पता चलेगा वो खानदान कितनी शरीफ है। साथ साथ में माननीय आंबेडकर जी की लिखी हुई किताबें भी पढ़ो । तब सर पिटोगे।’