25 नवंबर से देश के किसान नए कृषि बिलों के विरोध में सड़कों पर हैं। किसान संगठनों के नेताओं और सरकार के बीच में कई दौर की बातचीत हो चुकी है परंतु अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया।

किसान सड़कों पर ही रात गुजार रहे हैं और वहीं भंडारा/लंगर चल रहा है। सबा नकवी ने एक ट्वीट करते हुए वीडियो डाला है जिसमें वो पिज्जा लंगर चखने की बात कर रही हैं। सबा नकवी के इस ट्वीट पर फिल्ममेकर अशोक पंडित की प्रतिक्रिया सामने आई है। अशोक पंडित ने ट्वीट करते हुए लिखा है,’खालिस्तानियों, पाकिस्तानियों, चीन और अर्बन नक्सलियों द्वारा प्रायोजित अपने पिकनिक का मजा लीजिए।’ अशोक पंडित के इस ट्वीट पर यूजर्स की तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं।

सुमित नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है,’ कुदरती बिरयानी, पिज़्जा पार्टी, अजर-अमर दादी और खालिस्तानी, क्या सीन है!’ दीप नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है,’किसान पिज़्जा नही खा सकता,मजदूर पेंट नही पहन सकता। लेकिन मठ,मंदिर के साधु,पुजारी मंत्री,सांसद,मुख्यमंत्री बन सकते है? क्या यही किसान विरोधी सोच नरेन्द्र मोदी और भाजपाई रखते हैं? किसान विरोधी नरेन्द्र मोदी।’

अनमोल विर्क नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है,’दिल्ली दंगों के बाद अब खालिस्तानियों, अर्बन नक्सलियों, टुकड़े-टुकड़े गैंग,कौमियों ने हाईवे बंद करके सरकार को बातचीत के लिए मजबूर कर दिया है। आंतरिक सुरक्षा में इतनी बड़ी नाकामयाबी के बाद गृह मंत्री अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।’एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा है,’भक्तों को किसानों के पिज्ज़ा खाने से दिक्कत है परन्तु उन्हें नरेंद्र मोदी के इंपोर्टेड मशरूम, गुची स्कार्फ, मेयबैच चश्मों और दस लाख के सूट से कोई दिक्कत नहीं है।’

नीलेश दुबे नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है,’वाह! यही तो किसान आंदोलन की वास्तविकता है। यह आंदोलन का कनाडा स्टाइल है। आपको मुफ्त में पिज्जा, मुफ्त में बिरयानी, फूट मसाज और पता क्या-क्या मुफ्त में मिल रहा है।’सुहाषिनी नाम की ट्विटर यूजर ने लिखा है,’आम आदमी ऐसा जीवन नहीं जी सकता जिसमें पिज्जा,बर्गर से लेकर फुट मसाज जैसी सुविधा उपलब्ध हो। ये बहुत अमीर हैं तो ये फेक प्रोटेस्ट क्यों कर रहे हैं ?’