दिल्ली हिंसा से जु़ड़े केस में गिरफ्तार हुईं जामिया की सफूरा जरगर को दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। कोर्ट ने सफूरा को मानवीय आधार पर जमानत दी है। सफूरा जरगर गर्भवती हैं जिनकी जमानत को लेकर सोशल मीडिया पर लंबे समय से मांग चल रही थी। वहीं बॉलीवुड फिल्ममेकर अशोक पंडित ने सफूरा के जमानत पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जो कई निर्दोषों की मौत की जिम्मेदार है उसको जमानत कैसे मिल सकती है। अशोक पंडित के इस ट्वीट पर यूजर्स भी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
फिल्ममेकर अशोक पंडित ने ट्वीट किया, सफूरा जरगर जैसे लोग जिनका मानवात में विश्वास नहीं है और जो दिल्ली हिंसा में कई निर्दोषों की मौत की जिम्मेदार है, को मानवता के आधार पर बेल कैसे दिया जा सकता है? फिल्ममेकर ने आगे लिखा कि जब उसके पास राष्ट्र के खिलाफ लड़ने के लिए ऊर्जा है तो उसे सजा का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
फिल्ममेकर के इस सवाल को लेकर यूजर्स उनको काफी ट्रोल कर रहे हैं। यूजर्स इसी कड़ी में फिल्ममेकर से पूछ रहे हैं कि जेएनयू हिंसा की कसूरवार कोमल शर्मा और कपिल मिश्रा कहां है? दविंदर सिंह को जमानत कैसे मिली? अशोक पंडित को जवाब देते हुए एक यूजर ने लिखा, दविंदर सिंह आतंकी को कैसे बेल मिली? एक अन्य ने लिखा, सर वह देश के खिलाफ नहीं बल्कि देश और संविधान के लिए लड़ रही थी।
इसके साथ ही एक यूजर ने लिखा कि हां, और उस दविंदर सिंह का क्या जो आतंकियों की मदद करते रंगों हाथ पकड़ा गया था, उसे बेल मिलनी चाहिए? उसका क्या? कपिल मिश्रा जो खुलेआम दंगे भड़काते हैं, वे आजाद हैं। और एफआईआर में भी इसका उल्लेख नहीं है। उसका क्या? उस पर कोई ट्वीट नहीं देखा? बोलती बंद??
How can someone like #SafooraZargar who doesn’t believe in humanity and is responsible for so many deaths of innocent lives in #DelhiRiots get bail on humanitarian grounds ?
When she has the energy to fight against the nation she should be prepared to face d punishment also.— Ashoke Pandit (@ashokepandit) June 23, 2020
गौरतलब है कि जामिया से एमफिल की छात्रा सफूरा जरगर को दिल्ली हिंसा के केस में पुलिस ने 10 अप्रैल को अरेस्ट किया था। सफूरा पर आरोप है कि उन्होंने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा को भड़काने का काम किया था। पुलिस ने गैर कानूनी गतिविधियां निरोधक अधिनियम के तहत उन्हें गिरफ्तार किया था। निचली अदालत से जमानत अर्जी खारिज हो जाने के बाद सफूरा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।