दादा साहेब फालके अवॉर्ड विनर आशा पारेख (Asha Parekh), जो 1998-2001 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की प्रमुख रह चुकी हैं। उन्हें फिल्म ‘पठान’ (Pathaan) को लेकर चल रहा विवाद सही नहीं लग रहा है। उनका कहना है कि वह 60 सालों से भी अधिक समय से इस इंडस्ट्री का हिस्सा हैं लेकिन उन्होंने कभी पहले ऐसा होते नहीं देखा है। उनका कहना है कि फिल्म को रिलीज होने दिया जाना चाहिए।

बॉलीवुड हंगामा के साथ इंटरव्यू में आशा पारेख ने इस बारे में बात की। उन्होंने कहा,”हमारी इंडस्ट्री इससे पहले कभी ऐसे दौर से नहीं गुजरी है। मैं 60 सालों से भी अधिक समय तक इस इंडस्ट्री का हिस्सा रही हूं। मैंने इंडस्ट्री के इतिहास में ऐसा निचला दौर कभी नहीं देखा। पठान को बिना किसी बाधा के रिलीज किया जाना चाहिए।

यश राज फिल्म्स को लेकर कही ये बात
पारेख ने आगे कहा,”यशराज फिल्म्स को एक के बाद एक कई झटके लगे हैं और वह एक और झटका बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे।” बता दें कि YRF की हालिया रिलीज ‘शमशेरा’, ‘सम्राट पृथ्वीराज’ और ‘जयेशभाई जोरदार’ जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रहीं।

बता दें कि फिल्म ‘पठान’ (Pathaan) अपने गाने ‘बेशर्म रंग’ (Besharam Rang) के रिलीज के बाद से विवादों में घिरी है। इसमें दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) की बिकिनी के भगवा रंग को लेकर फिल्म का विरोध किया जा रहा है। इसपर पारेख का कहना है कि अगर गाना ही परेशानी है तो इन्हें फिल्म से ये गाना हटा देना चाहिए। उन्होंने कहा अगर गाना हटाने से फिल्म की रिलीज पर असर नहीं पड़ता है तो हटा देना चाहिए। हालांकि उन्होंने फिल्म को लेकर हो रहे विवाद को भी गलत बताया है।

आगे उन्होंने कहा,”हालांकि मैं साफ तौर पर बता दूं कि मैं इस तरह की बुलिंग का पूरी तरह से विरोध करती हूं। क्या अच्छा है और क्या नहीं इस पर कुछ तत्व पूरे देश की ओर से फैसला क्यों करें? आप फिल्म नहीं देखना चाहते, इसे मत देखिए। मैं फिल्म देखना चाहती हूं। तुम मुझे क्यों रोक रहे हो?”

भगवा रंग पर किसी का अधिकार नहीं
‘बेशर्म रंग’ गाने में दीपिका पादुकोण की बिकिनी के रंग को लेकर आशा पारेख ने कहा,”किसी रंग पर किसी समुदाय का अधिकार नहीं है। एक खास रंग पर मुहर क्यों लगाई जा रही है। हर रंग खूबसूरत है, ऑरेंज हम में से कई हिरोइनों का पसंदीदा रंग हुआ करता था। सोचों की आपको कह दिया जाए कि ये रंग मत पहनो या वो रंग मत पहनो। ये परेशान करने की हद है। कोई समुदाय रंग पर हक होने का दावा नहीं कर सकता।