रामानंद सागर की ‘रामायण’ में राम का किरदार करने से अरुण गोविल को लोकप्रियता तो मिली, लेकिन इससे उनके एक्टिंग करियर पर ब्रेक लग गया। ऐसा खुद अरुण गोविल ने कहा है। ‘रामायण’ को आए कई साल बीत चुके हैं लेकिन आज भी लोग उन्हें भगवान राम की तरह ही पूजते हैं।

राम का किरदार अरुण गोविल के लिए करियर के लिए बड़ा कदम था। हालांकि इससे उन्हें सीधे तौर पर आर्थिक लाभ नहीं हुआ, लेकिन प्रभाव ऐसा है कि अरुण अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन में उपस्थित लोगों में से एक हैं। वह कई फिल्मों में दिखाई दिए थे और दूरदर्शन के शो ‘विक्रम और बेताल’ में मुख्य भूमिका में भी थे, लेकिन लोग उन्हें सिर्फ राम के रूप में ही याद रखते हैं।

यकीन करना मुश्किल है, लेकिन वास्तव में लोग उनके चरणों में लेट जाते थे और उनका आशीर्वाद पाने के लिए कतार में लगते थे। ‘रामायण’ के बाद वह कई टीवी शो दैसे ‘लव कुश’, ‘विश्वामित्र’ और ‘जय वीर हनुमान’ में भी नजर आए। लेकिन फिल्मों में काम पाना उनके लिए मुश्किल हो गया। हाल ही में दिए इंटरव्यू में अरुण ने इसके बारे में बात की।

अरुण ने कहा कि रामायण के लिए उन्हें जो रिएक्शन मिले, उससे अच्छी और बुरी दोनों चीजें हुईं। अभिनेता ने कहा,”मुझे बहुत आदर और सम्मान मिला लेकिन मैं कमर्शियल फिल्मों से पूरी तरह दूर हो गया। सभी निर्माता और निर्देशक मुझसे कहते थे कि मेरी भगवान राम की छवि इतनी मजबूत हो गई है कि वे सोचते थे कि मुझे किस भूमिका में लें। लोग आपमें केवल भगवान राम को देखते हैं, उन्हें कोई अन्य चरित्र नहीं दिखता।”

‘रामायण’ के कुछ सालों बाद अरुण ‘मुकाबला’, ‘हथकड़ी’, ‘ढाल’, ‘दो आंखें बाराह हाथ’ जैसी फिल्मों में सपोर्टिंग रोल में दिखे। किसी में वह पत्रकार तो किसी फिल्म में उन्होंने पुलिस का किरदार निभाया। वह अक्षय कुमार की फिल्म ‘ओएमजी 2’ में भी नजर आए थे।