ओम राउत के निर्देशन में बन रही फिल्म ‘आदिपुरुष’ पर विवाद बढ़ता जा रहा है। 2 अक्तूबर को बेहद ही ग्रैंड तरीके से इस फिल्म का टीजर राम नगरी अयोध्या में रिलीज किया गया। लेकिन टीजर को सोशल मीडिया पर लोगों ने रिजेक्टर दिया। सोशल मीडिया पर फिल्म के मेकर्स को ट्रोल किया जा रहा है। वहीं राम बने प्रभास और रावण के रूप में सैफ अली खान का लुक लोगों को बिल्कुल पसंद नहीं आया। इसके अलावा भी टीजर में कई तरह की कमियां लोगों ने निकाल दी हैं। इसी बीच रामानंद सागर की ‘रामायण’ के राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल का बयान सामने आया है। अभिनेता ने वीडियो जारी कर ‘आदिपुरुष’ के मेकर्स पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है।

अरुण गोविल ने वीडियो शेयर कर रखी अपनी बात

अरुण गोविल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है। इसमें उन्होंने कहा कि आदिपुरुष का जब टीजर रिलीज हुआ तब से लेकर अभी तक चारों तरफ एक हंगामा है। हर तरफ इसकी चर्चा है। मेरे पास सैकड़ों फोन आए हैं। बहुत समय से मेरे दिमाग में बहुत-सी बातें चल रही हैं। लगता है अब उन बातों को आपके साथ साझा करने का समय आ गया है। ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ जैसे जितने भी पौराणिक ग्रंथ और शास्त्र हैं, ये हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर। ये हमारी संस्कृति है। ये हमारी जड़ है। हसारी मानव सभ्यता के लिए ये नींव के समान है। ना तो नींव को हिलाया जा सकता है और ना ही जड़ को बदला जा सकता है, और इसके साथ किसी तरह का खिलवाड़ या छेड़छाड़ भी ठीक नहीं है।

हमारी संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है

वीडियो में अरुण गोविल आगे कहते हैं कि हमें शास्त्रों से संस्कार मिले हैं, जीने का आधार मिलता है। ये धरोहर ही हमें जीने की कला सिखाती हैं। हमारी संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है। ऐसे में इसके साथ छेड़छाड़ करना धार्मिक भावनाओं को आहत करना है। जब ढाई साल पहले आए कोरोना ने हमारी धार्मिक मान्यताओं को मजबूत कर दिया है। इतना ही नहीं कोरोना के दौरान जब एक बार फिर से ‘रामायण’ का प्रसारण शुरू हुआ था, तो उसने विश्व रिकॉर्ड बनाया था। ये हमारी मान्यताओं और परंपरा का बहुत बड़ा संकेत है। 35 साल पहले बनी ‘रामायण’ को हमारी युवा पीढ़ी ने पूरी श्रद्धा और आस्था से देखा।

मेकर्स को एक्टर ने लगाई फटकार

एक्टर ने आगे कहा कि आपको हमारी नीव, जड़ और धार्मिक संस्कृति से छेड़छाड़ करने का कोई हक नहीं है। आप क्रिएटिविटी के नाम पर धर्म का मजाक नहीं बना सकते हैं। आजकल ये चलन सा बनता जा रहा है सनातन धर्म का मजाक बनाओ, देवी देवताओं के आपत्तिजनक पोस्टर बनाओ, अभद्र भाषा में बोलता हुआ दिखाओ, आखिर किसने अधिकार दे दिया। स्वतंत्रता के नाम पर धर्म का मजाक ना बनाएं और ना ही किसी की मान्यता और परंपरा को तोड़ मोड़ के प्रस्तुत करें। वीडियो के आखिर में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों को पहचान दिलाने के लिए शुक्रिया भी अदा किया।