सिंगर अरिजीत सिंह ने ‘गेरुआ’ कॉन्ट्रोवर्सी पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है। सिंगर ने पिछले साल दिसंबर में कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में शाहरुख खान की फिल्म ‘दिलवाले’ के गाने ‘रंग दे तू मोहे गेरुआ’ गुनगुना दी थीं। जिसके बाद अरिजीत सिंह को कोलकाता पुलिस ने फरवरी में होने वाले एक म्यूजिक कॉन्सर्ट में गाने पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद सियासत गर्मा गई थी। अब सिंगर ने कहा है, “एक रंग पर इतना विवाद, यह अजीब है। गेरुआ रंग संन्यासियों का होता है। अगर स्वामी विवेकानंद जी ने सफेद पहना, तो क्या सफेद रंग पर भी विवाद होता?”
टीएमसी एमएलए तापस रॉय ने क्या कहा?
अरिजीत सिंह के इस बयान का जवाब अब टीएमसी एमएलए तापस रॉय ने दिया है। उन्होंने कहा कि गेरुआ रंग पर विवाद नहीं था, ये तो तिरंगा का हिस्सा है। अरिजीत सिंह जैसे सिंगर पॉलिटिकल पार्टी से परे हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की आदत है हर चीज को वो राजनीतिक रंग दे देते हैं।
क्या है मामला?
यह मामला एक महीने पुराना है, जब अरिजीत सिंह ने कोलकाता फिल्म फेस्टिवल 2022 में ‘गेरुआ’ गाने की एक लाइन गाई थी। उस वक्त वहां पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी मौजूद थीं। इस घटना के कुछ दिनों बाद ही अरिजीत सिंह का कॉन्सर्ट रद्द कर दिया गया था। बीजेपी ने आरोप लगाया कि ममता सरकार ने अरिजीत के ‘गेरुआ’ गाने की वजह से ये शो रद्द किया है क्योंकि वो इस रंग से डर गई। वहीं ममता सरकार ने सफाई दी थी कि जी-20 बैठक होने वाली है इसलिए सिक्योरिटी रीजन की वजह से कॉन्सर्ट रद्द किया गया था।
