ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर शुरू हुए विवाद पर जमकर राजनीति हो रही है। ज्ञानवापी विवाद पर हर कोई अपनी राय दे रहा है। कुछ लोग सर्वे का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं। पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने ट्विटर पर शायर राहत इन्दौरी की शायरी शेयर कर अपनी बात रखी तो फिल्ममेकर अशोक पंडित ने जवाब दिया है।
आरफा खान शेरवानी ने ट्विटर पर लिखा कि “टूट रही है हर दिन मुझमें एक मस्जिद, इस बस्ती में रोज दिसम्बर आता है”। आरफा खान शेरवानी के इस ट्वीट पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने जवाब दिया है। अशोक पंडित ने लिखा कि ‘चिंता मत करिए जनवरी भी आएगा मैडम!’ सोशल मीडिया पर लोग इस पर अब अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
पद्मजा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अफसोस, राहत इंदौरी नहीं समझ सके इस देश का दर्द, साठ हजार मंदिर तोड़ दिये गये! दिसंबर को लेकर शायरी कर दिए।’ हिमांशु मिश्रा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘तुम्हें तो ये कहना चाहिए कि किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल को तोड़कर बनाया गया मस्जिद हराम है। तुम्हें तो हिंदुओं के पक्ष में खड़ा होना चाहिए लेकिन क्या करोगी, तुम्हारी सोच जो कट्टर ठहरी। तुम्हारे जैसे चंद लोगों की वजह से आज पूरे इस्लाम पर सवाल खड़े होने लगे हैं।’
पियूष तिवारी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘चुराई चीज को तुमने खुदा का घर बताया था – राहत फतेह अली खान।’ अभय प्रताप सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘योगी जी ने मई-जून में शिमला बनाने को कहा था, आरफा मैडम को मई की गर्मी में दिसंबर का अनुभव हो रहा है।’ शिवम् दीक्षित नाम के यूजर ने लिखा कि ‘बाबा मई जून में शिमला का अहसास करा रहे हैं। इसलिए दिसंबर महसूस हो रहा हैं। वैसे जनवरी भी आएगा आपकी बस्ती में।’
एक यूजर ने लिखा कि ‘टूट रही है हर दिन मुझमें एक मस्जिद. काश,मंदिर तोड़ मस्जिद बनाने का गुनाह नहीं किया होता।’ मस्ताना नाम के यूजर ने लिखा कि ‘यह बहुत अच्छा रहा कि मुस्लिम पक्ष ने कैमरे पर स्वीकार कर लिया कि वजू करने के तालाब में, वह शिवलिंग नहीं फौव्वारा था। वह यह तो स्वीकार ही कर चुके हैं एक स्ट्रक्चर वहां था,जिसकी जानकारी उन्हें थी। अब अदालत तय करेगी कि वह फव्वारा था या शिवलिंग।’
नीलकंठ सिंह मुंडा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘देख रहे थे बरसों से, हम नंदी जी के आंसू को, अब जाकर के महादेव फिर काशी लौटकर आये है।’ सिंह मुकुल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जब हमारे मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनाया जा रहा था, तब किसी को शायरी क्यों नहीं आ रही थी, सबका गालिब हमारे समय ही क्यों बाहर आता था, अभी तो मथुरा बाकी है अभी और शेर बचा के रखिये।’
बतादें कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर दिए गये कोर्ट के आदेश के बाद से बवाल मचा है। जिसका कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। हालांकि सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है और दावा किया जा रहा है कि मस्जिद के अन्दर एक शिवलिंग मिला है।