डायरेक्टर अनुराग कश्यप अपनी अपकमिंग फिल्म ‘फुले’ को लेकर चर्चा में हैं। इसके जरिए प्रतीक गांधी और एक्ट्रेस पत्रलेखा एक साथ स्क्रीन शेयर करते हुए नजर आने वाले हैं। फिल्म की कहानी समाज सुधारक की जोड़ी ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले की जिंदगी पर आधारित है। इसे लेकर अनुराग कश्यप तब विवादों में आए जब सर्टिफिकेशन बोर्ड की ओर से इस पर रोक लगाने की बात कही गई तो डायरेक्टर ने इसके बाद ब्राह्मण समुदाय और सर्टिफिकेशन को घेरा। ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ विवादित बयान दे दिया। हालांकि, बाद में बयान के लिए माफी भी मांगी। ऐसे में ब्राह्मण समुदाय को लेकर बेबाक हुए अनुराग कश्यप से जुड़ा एक विवाद सामने आया है, जो कि उनकी फ्लॉप फिल्म से जुड़ा है। उनकी फिल्म को बनाने के लिए जब कोई तैयार नहीं था तो एक ब्राह्मण ने ही उनकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया था। चलिए बताते हैं इस किस्से के बारे में।
दरअसल, ब्राह्मणवाद को लेकर बेबाक हुए अनुराग कश्यप से जुड़ा किस्सा उनकी फिल्म ‘नो स्मोकिंग’ का है, जिसे 2007 में रिलीज किया गया था। ये उस साल की बड़ी फ्लॉप साबित हुई थी। बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म का प्रोडक्शन बजट करीब 23 करोड़ बताया जाता है। वहीं, इसका कलेक्शन करीब 3 करोड़ ही हो पाया था। फिल्म पूरी तरह से बॉक्स ऑफिस पर असफल रही थी। इसमें जॉन अब्राहम ने लीड रोल प्ले किया था।
विवादों के बीच इसी फिल्म को लेकर चर्चा हो रही है कि पहले अनुराग कश्यप की इस फिल्म पर कोई काम नहीं करना चाहता था। कोई प्रोड्यूसर तक उनका साथ देने के लिए तैयार नहीं था। इस किस्से के बारे में जानकारी शेयर की गई कि एक समय शेमारू के साथ इस फिल्म को लेकर बातचीत आगे बढ़ी, लेकिन किसी कारण अनुराग की शेमारू के मालिक से बहस हो गई। इत्तेफाक से शेमारू उस समय दो फिल्में विशाल भारद्वाज के साथ भी प्लान कर रहा था और विशाल उस दौर में इंडस्ट्री के बड़े फिल्मकारों में से एक माने जाते थे।
ब्राह्मण की वजह से बन पाई थी अनुराग कश्यप की फिल्म
जब अनुराग कश्यप की फिल्म ‘नो स्मोकिंग’ से सभी मेकर्स ने हाथ खींच लिया तो उस समय डायरेक्टर का साथ एक ब्राह्मण ने ही दिया था, जिनका नाम विशाल भारद्वाज है। अनुराग ने विशाल से अपनी फिल्म को लेकर गुजारिश की थी और विशाल इसके लिए तैयार भी हो गए थे और उन्होंने शेमारू से बात की। लेकिन, शेमारू ने शर्त रखी कि अगर विशाल खुद को-प्रोड्यूसर बनें तभी वो ‘नो स्मोकिंग’ को प्रोड्यूस करेंगे।
उस समय अनुराग कश्यप की फिल्म के लिए विशाल भारद्वाज ने ना सिर्फ यह शर्त स्वीकार की बल्कि फिल्म में दो डांस नंबर भी शामिल करवाए। गीतकार गुलजार साहब से गाने लिखवाए गए और इस तरह एक ब्राह्मण की मदद से अनुराग कश्यप के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘नो स्मोकिंग’ पर काम हो पाया।
अनुराग कश्यप ने ब्राह्मण को लेकर दिया विवादित बयान
अनुराग कश्यप के ब्राह्मणों को लेकर दिए विवादित बयान की बात की जाए तो उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर कई पोस्ट शेयर की। उन्होंने जातिवाद पर सवाल उठाए और कहा कि अगर उस समय जातिवाद नहीं होता तो ज्योतिबा और सावित्री बाई फुले को लड़ने की क्या जरूरत थी। अनुराग कश्यप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है। इसमें लिखा, ‘धड़क 2 की स्क्रीनिंग में सेंसर बोर्ड ने बोला, मोदी जी ने इंडिया में कास्ट सिस्टम खत्म कर दिया है। उसी आधार पर संतोष भी इंडिया में रिलीज नहीं हुई। अब ब्राह्मण को समस्या है फुले से। भइया, जब कास्ट सिस्टम ही नहीं है तो काहे का ब्राह्मण। कौन हो आप? आपकी क्यों सुलग रही है। जब कास्ट सिस्टम था नहीं तो ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई क्यों थे? या तो आपका ब्राह्मणवाद एक्जिस्ट ही नहीं करता क्योंकि मोदी जी के हिसाब से इंडिया में कास्ट सिस्टम नहीं है? ये सब लोग मिलकर सबको बेवकूफ बना रहे हैं। भाई मिलकर डिसाइड रर लो इंडिया में जातिवाद है या नहीं। लोग बेवकूफ नहीं हैं। आप ब्राह्मण लोग हो या फिर आप के बाप हैं, जो ऊपर बैठे हैं। डिसाइड कर लो।’