साल 2015 में आई क्राइम-थ्रिलर फिल्म ‘बॉम्बे वेलवेट’ में रणबीर कपूर, अनुष्का शर्मा और करण जौहर समेत कई स्टार्स नजर आए थे। वहीं, इस मूवी का निर्देशन अनुराग कश्यप ने किया। हालांकि, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई और फ्लॉप हो गई। अब हाल ही में डायरेक्टर ने एक इंटरव्यू में बात करते हुए इस मूवी को अपनी लाइफ का सबसे बुरा अनुभव बताया है। साथ ही यह भी शेयर किया कि प्रोडक्शन हाउस की तरफ से उन पर बहुत ज्यादा दबाव था कि वे उनके बड़े इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न दिलाएं।

‘बॉम्बे वेलवेट’ के फेलियर पर अनुराग ने की बात

अनुराग कश्यप ने बताया कि ‘बॉम्बे वेलवेट’, जिसका बजट करीब 90 करोड़ रुपये था, उसके फ्लॉप होने के बाद उन्होंने फैसला किया कि अब वे फिर से छोटे स्तर से शुरुआत करेंगे। डायरेक्टर ने कहा, “मैंने अपनी ऑडियंस को समझा और फिर उल्टी दिशा में सोचना शुरू किया। मैंने प्रोडक्शन हाउस से पूछा कि अगर मैं आपको स्क्रिप्ट न बताऊं और यह भी न बताऊं कि मैं फिल्म में किसे कास्ट करूंगा, लेकिन आपको लगे कि मैं पैसे वसूल कर लूंगा, तो आप मुझे कितने पैसे देंगे?”

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इसके आगे उन्होंने कहा, “यह बात साल 2016 की है ‘बॉम्बे वेलवेट’ के बाद की। उन्होंने मुझे 3.5 करोड़ रुपये दिए। 90 करोड़ रुपये के बाद मैं सीधे 3.5 करोड़ रुपये पर आ गया, क्योंकि मैं फंसना नहीं चाहता था। जब आप एक बड़ी फिल्म बनाते हैं और वह नहीं चलती तो आप फंस जाते हैं। उसके बाद आप पूरी जिंदगी एक ही बात साबित करने की कोशिश करते रहते हैं… एक हिट बड़ी फिल्म बनाने की कोशिश।” बता दें कि ‘बॉम्बे वेलवेट’ ने दुनिया भर में 43.20 करोड़ रुपये कमाए थे।

अनुराग कश्यप ने आगे बताया कि एक प्रोड्यूसर कैसे किसी फिल्म को बना या बिगाड़ सकता है। उन्होंने कहा, “डायरेक्टर जहाज का कैप्टन होता है, लेकिन प्रोड्यूसर फिल्म की मां होती है। एक डायरेक्टर तभी अच्छी फिल्म बना सकता है, जब एक प्रोड्यूसर उसके पीछे दीवार की तरह खड़ा हो।

डायरेक्टर की जिंदगी में प्रोड्यूसर का बहुत बड़ा रोल होता है और मैंने यह पर्सनली महसूस किया है। जब एक प्रोड्यूसर आप पर भरोसा करता है, तो आप अच्छा काम करते हैं, लेकिन अगर आपका प्रोड्यूसर डरा हुआ है, तो आप उसका डर देखकर डर जाते हैं।”

मेकर्स चाहते थे काट दूं कहानी

जब उनसे पूछा गया कि वह उस फिल्म का नाम बताएं, जिसमें उन्हें प्रोड्यूसर की वजह से निराशा हुई, तो अनुराग ने ‘बॉम्बे वेलवेट’ का नाम लिया। उन्होंने कहा कि सब डरे हुए थे। उन्हें फिल्म की लंबाई बहुत ज्यादा लग रही थी, वे चाहते थे कि मैं लीड एक्टर्स की बचपन की कहानी काट दूं।

वे चाहते थे कि मैं ये सब करूं, क्योंकि फिल्म का बजट बहुत ज्यादा था। शुक्रवार, शनिवार और रविवार की ओपनिंग फिल्म से ज्यादा जरूरी थी, इसलिए मैं फिल्म रिलीज होने से पहले ही नर्वस हो गया था। मुझे फिल्म काटनी पड़ी। अगर मैंने वे 25 मिनट रखे होते, तो यह एक बेहतर फिल्म होती और शायद इतना नुकसान नहीं होता।”

फिल्म को एक ट्रॉमा का सोर्स बताते हुए अनुराग ने कहा, “अगर मैं इस नाकामी को अपना लेता, तो यह फिल्म मेरे लिए ट्रामा नहीं बनती। यह मेरे लिए एक ट्रॉमा बन गई।” फिर जब उनसे पूछा गया कि क्या यह उनके 32 साल के करियर का सबसे बुरा अनुभव था, तो अनुराग ने जवाब दिया कि हां, पोस्ट-प्रोडक्शन स्टेज में, शूटिंग के दौरान नहीं। मैं बैकफुट पर आ गया था। यह पहली बार था जब मैंने अपनी लाइफ में इतनी ज्यादा नेगेटिविटी देखी।”

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