एक्टर अनुपम खेर ने अपने करियर की शुरुआत में ही 65 साल के बुजुर्ग का किरदार निभाया था। उन्होंने इस रोल के लिए टाइपकास्ट होने को लेकर बात की और कहा कि उन्हें तब इसका एहसास नहीं था, लेकिन इससे उन्हें फायदा ही हुआ है। अनुपम ने अपनी पहली फिल्म ‘सारांश’ में 65 वर्षीय व्यक्ति का किरदार निभाया था। उस वक्त उनकी उम्र केवल 29 साल थी।
एएनआई के साथ बातचीत में अनुपम खेर ने बताया कि उन्होंने उन अभिनेत्रियों के पिता की भूमिका निभाई है, जो वास्तव में उनसे उम्र में बड़ी थीं। खेर ने याद किया कि उन्होंने फिल्म ‘विजय’ में हेमा मालिनी के पिता का किरदार निभाया था, जबकि हेमा उनसे 6 साल बड़ी थीं।
उन्होंने कहा,”ऐसी कोई एक्ट्रेस नहीं है जिसके पिता का रोल मैंने नहीं निभाया। मैं तो ‘विजय’ में हेमा मालिनी के पिता का रोल भी निभाया था, भले ही मैं उनसे काफी छोटा था। उस वक्त मुझे इसके फायदे के बारे में नहीं पता था, लेकिन अब मुझे समझ आता है। जब मैंने 29 साल की उम्र में सारांश की थी, तब मैंने कल्पना की थी कि 65 साल का बूढ़ा कैसा दिखेगा। मैं अभी 66 साल का हूं, लेकिन मैं ऐसा बिल्कुल नहीं दिखता।”
अनुपम खेर की मां को होती थी परेशानी
जब अनुपम खेर से पूछा गया कि क्या कम उम्र में उनके द्वारा बुजुर्ग का किरदार करने से उनकी मां को कोई परेशानी थी? इसपर उन्होंने बताया,”कभी-कभी वह इस बात से परेशान होती थी, लेकिन उसके पास उस तरह की समझ नहीं थी कि वह किरदार को समझ पाए। जब तक मैं स्क्रीन पर था, और जब तक लोग मेरी प्रशंसा कर रहे थे और मुझे पहचान रहे थे, वह खुश थी।”
आमतौर पर कई महिला कलाकार होती हैं जिन्हें पुरुष सितारों की मां और दादी की भूमिका निभाने के लिए कहा जाता है, जो अक्सर 60 और 70 के दशक में भी युवा पुरुषों की भूमिका निभाते रहते हैं। हाल ही में, एक्ट्रेस रोहिणी हट्टंगडी ने फिल्म गांधी में 27 साल की उम्र में कस्तूरबा गांधी की भूमिका निभाने के बाद परिपक्व पात्रों के रूप में टाइपकास्ट होने की बात कही।