अनिल कपूर के लिए फिल्म फन्ने खां बेहद खास है। एक तो वे कई सालों बाद ऐश्वर्या राय के साथ काम कर रहे हैं और दूसरा उनका इस फिल्म में बेहद संवेदनशील सेंट्रल किरदार है। लेकिन सबसे खास बात ये है कि इस फिल्म में वे एक ऐसी लड़की के पिता बने हैं जिसे अपने अत्यधिक वज़न के चलते बुली किया जाता है। इस फिल्म में पीहू, अनिल कपूर और दिव्या दत्ता की बेटी का किरदार निभा रही है। पीहू को अपने इस किरदार के लिए 20 किलो वजन बढ़ाना पड़ा था ताकि वह स्क्रीन पर 98 किलो की दिख सके। फिल्म में अनिल कपूर अपनी बेटी के सपनों को साकार करने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं। फ़िल्म में अनिल को अपनी बेटी के वजन से जुड़ी परेशानियों और बॉडी शेमिंग जैसी दिक्कतों से भी दो चार होना पड़ता है। हालांकि, अनिल के लिए ये नया नहीं था क्योंकि रियल लाइफ में उनकी एक्ट्रेस बेटी सोनम कपूर इस दौर से गुज़र चुकी हैं।
फिल्मों में आने से पहले सोनम कपूर का वज़न 86 किलो था। बॉलीवुड की बारीकियों को समझने वाले अनिल कपूर ये जानते थे कि फिल्मों में आने पर उनके बच्चों को लुक्स और फिजीक के चलते आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है लेकिन फिर भी अनिल ने अपने बच्चों को यही कहा कि वे अपने आप में काफी सुंदर हैं और कुछ भी इस बात को बदल नहीं सकता। हाल ही में सोनम ने एक इंटरव्यू में कहा था कि 13 साल की उम्र में वे घंटो तक शीशे के सामने खड़े हो कर अपनी अपीयरेंस को कोसती रहती थी। अनिल ने जब ये इंटरव्यू सुना था तो वे काफी अपसेट हुए थे।
गौरतलब है कि अपनी स्टडीज के लिए सोनम सिंगापुर भी गई थी। अनिल ने कहा, ‘वह तीन-चार साल उसके लिए दर्दनाक थे और जब वह घर लौटी, तो मैं उसे देख कर चौंक गया था, वो जिस तरह से चलती थी, सीढ़ियां चढ़ने की पीड़ा, उसके चेहरे पर दिखने वाला दुःख, इन सब चीज़ों ने मेरा दिल तोड़ दिया था।’
अनिल ने बताया कि संजय लीला भंसाली को असिस्ट करते वक़्त सोनम का अभिनेत्री बनने का कोई प्लान नहीं था और उसका वज़न काफी ज्यादा था। वो ‘ब्लैक’ की शूटिंग के दौरान तक भी अपने अपीयरेंस को लेकर बेपरवाह सी थी, लेकिन संजय को उसके वज़नी शरीर के पीछे एक सुंदर एक्ट्रेस नज़र आई और उन्होंने सांवरिया के साथ ही सोनम को लॉन्च किया। गौरतलब है कि सोनम ने फिल्म सांवरिया के लिए स्ट्रिक्ट डाइट और फ़िटनेस दिनचर्या की मदद से एक साल में 35 किलो कम कर लिया था। लेकिन अपने लुक को ले कर वह अभी भी दुविधा में थी। स्टारडम ने इस सफ़र को आसान नहीं बनाया। हालांकि धीरे-धीरे सोनम के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती चली गई थी।
