भोजपुरी सिनेमा पर एक नहीं बल्कि हजारों पर ये आरोप लगा कि यहां केवल अश्लीलता और द्विभाषी शब्दों का ही इस्तेमाल किया जाता है। अश्लीलता भोजपुरी पर लगा एक कलंक जैसा है। इस हटाने के लिए इसके कलाकार और फिल्ममेकर लगातार मेहनत भी कर रहे हैं और काफी हद तक सफल हो चुके हैं। इसका एक उदाहरण आम्रपाली दुबे (Amrapali Dubey) की लेटेस्ट फिल्म ‘विद्या’ (Vidhya) है, जो कि अश्लीलता और द्विभाषी शब्दों से कोसों दूर है और समाज को आइना दिखाने का काम कर रही है। इसमें समाज का एक ऐसा कड़वा सच दिखाने की कोशिश की गई है, जो शायद ही अब तक भोजपुरी की किसी महिला प्रधान में फिल्म दिखाया गया होगा। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या है? चलिए वो भी बताते हैं।
दरअसल, आम्रपाली दुबे फिल्म ‘विद्या’ (Amrapali Dubey Bhojpuri Film) में नजर आने वाली हैं। इससे पहले इसका ट्रेलर वीडियो रिलीज किया गया है, जो कि काफी दमदार है। इसे दर्शकों की ओर से शानदार रिस्पांस मिल रहा है। ट्रेलर में देखने के लिए मिल रहा है कि वो एक रिक्शा चालक की बेटी विद्या का रोल निभा रही हैं, जो कि गरीबी पली-बढ़ी होती हैं। वो भले ही गरीबी के दिन देखती हैं झोपड़ी पट्टी में रहती हैं और उनके लड़की होने पर लाखों सवाल उठाए जाते हैं। जैसे- ‘वंश तो केवल लड़का ही बढ़ा सकता है।’ इस सभी को एक्ट्रेस अपनी मेहनत के दम पर जोरदार थमाचा मारती हैं।
आम्रपाली दुबे उठाया बड़ा कदम
भोजपुरी यूट्यूब क्वीन इसमें दहेज के खिलाफ लड़ते हुए नजर आएंगी। गरीबी के चलते उनसे पहले तो कोई शादी करने के लिए राजी नहीं होता और एक होता भी है तो वो मंडप में ही शादी तोड़कर चला जाता है। इसके बाद वो अपनी पढ़ाई आगे बढ़ाती हैं और परिवार से समय मांगती हैं कुछ कर दिखाने का। फिर वो रात-दिन मेहनत करके एक आईएएस ऑफिसर बनती हैं और फिर दहेज प्रथा के खिलाफ हुंकार भरकर समाज के इस कीड़े को मिटाने की कोशिश करती हैं। इसमें वो आपको महिलाओं और लड़कियों को काफी मोटिवेट भी करते हुए दिखाई देती हैं। भोजपुरी में ऐसा पहली बार देखने के लिए मिला है।
‘परिवर्तन’ में भी दिखाया था समाज को आइना
आपको बता दें कि आम्रपाली दुबे इन दिनों समाज पर आधारित फिल्मों में काम कर रही हैं। इससे पहले एक्ट्रेस ने फिल्म ‘समाज में परिवर्तन’ में काम किया था। इसमें उनके साथ समर सिंह (Samar Singh) ने काम किया था। मूवी में लड़कियों को शिक्षा पर जोर दिया गया था। जिसमें दिखाया गया था कि लड़कों के साथ-साथ लड़कियों के लिए भी शिक्षा जरूरी है। साथ ही शिक्षा का महत्व भी बताया गया था। इस मूवी में भी समाज के कड़वे सच से लोगों को रूबरू करवाया था। ऐसी फिल्मों का भोजपुरी में बनना बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है।