अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘दीवार’ की रिलीज को 50 साल हो गए हैं, इस फिल्म को जावेद-अख्तर ने लिखा था। इस फिल्म ने अमिताभ बच्चन को स्टार बना दिया था। मगर सुपरस्टार बनने से पहले अमिताभ बच्चन अपनी असफलता से निराश हो चुके थे। अमिताभ ने एक्टिंग छोड़कर टैक्सी चलाने के बारे में भी सोच लिया था। मगर जंजीर ने उनके स्टारडम को फिर से जीवंत कर दिया। इस फिल्म ने उनके करियर की दिशा हमेशा के लिए बदल दी।

हाल ही में केबीसी में इस बारे में अमिताभ बच्चन ने बात की। शो में बात करते हुए बच्चन ने कहा, “मैंने दो-तीन फिल्मों में काम किया था, लेकिन वे सफल नहीं हुईं, जिससे मैं निराश हो गया। मुंबई आने से पहले, मैं कोलकाता में काम करता था, जहाँ मुझे सिर्फ़ 400-500 रुपये महीने मिलते थे। लेकिन जब मैं मुंबई आया, तो मैंने ठान लिया कि मैं इसे करके रहूँगा। मैंने सोचा, अगर मुझे फिल्मों में काम नहीं मिला, तो मैं टैक्सी चलाऊँगा। मैंने तैयारी के लिए अपना ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवाया।”

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पहले उस समय के सुपरस्टार राजेश खन्ना को जंजीर के लिए चुना जा रहा था। हालाँकि, सलीम-जावेद ने इस भूमिका के लिए अमिताभ बच्चन को लेने पर ज़ोर दिया। अमिताभ ने ताया कि जब उन्हें जंजीर मिली तो उन्होंने खन्ना के सुपरस्टारडम को पीछे छोड़ दिया, उन्होंने कहा, “आखिरकार, मुझे काम मिला और अब्बास साहब ने मुझे मेरा पहला ब्रेक दिया। जंजीर सलीम-जावेद द्वारा लिखी गई थी और यह मेरे करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। उस समय, राजेश खन्ना भारत के सबसे बड़े सुपरस्टार थे। क्या औरा था, क्या फॉलोवर्स थे…उनका प्रजेंस इतना पॉवरफुल था कि जब वे आते थे, तो महिलाएं उनकी कार के टायरों से मिट्टी लेकर आशीर्वाद के रूप में अपने माथे पर लगाती थीं। मैं कोई नहीं था, लेकिन फिर सलीम-जावेद मुझसे मिलने आए और मुझे कहानी की पेशकश की। मुझे भूमिका मिलने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन मुझे मिल गई, और इस तरह मुझे जंजीर मिली।”

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अमिताभ बच्चन ने यह भी शेयर किया कि कैसे उनकी फिल्म बॉम्बे टू गोवा ने उन्हें जंजीर हासिल करने में मदद की। उन्होंने कहा, “जावेद साहब ने मुझे बताया कि मेरी एक फिल्म, बॉम्बे टू गोवा में एक दृश्य है, जिसमें मैं एक रेस्तरां में बैठा हूं और शत्रुघ्न सिन्हा मुझे थप्पड़ मारते हैं। इस दृश्य में लड़ाई होनी थी, लेकिन जब मैं खड़ा हुआ, तो मैं अभी भी सैंडविच चबा रहा था। उस पल ने जावेद साहब को विश्वास दिलाया कि मैं जंजीर में भूमिका निभा सकता हूं।” जंजीर के सेट से एक यादगार किस्सा साझा करते हुए बच्चन ने बताया, “काम पर अपने पहले दिन मुझे प्राण सर को एक संवाद बोलना था, जो असाधारण प्रतिभा के धनी थे। मैं शुरू में उनसे ये संवाद बोलने में झिझक रहा था, लेकिन उन्होंने मेरा बहुत साथ दिया और मुझे आगे बढ़ने के लिए कहा।”

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