कादर खान एक साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ अफगानिस्तान से भारत आ गए थे। उन्होंने सिनेमा की दुनिया में नई ऊंचाइयां हासिल कीं। उनकी एक्टिंग की कला को दिलीप कुमार ने पहचाना था। एक नाटक में उनकी परफॉर्मेंस से प्रभावित होकर, दिलीप कुमार ने उन्हें अपनी दो फिल्मों में कास्ट कर लिया था। जिसने कादर के हिंदी सिनेमा में करियर की शुरुआत की। कादर ने ना केवल बहुमुखी अभिनेता, बल्कि पटकथा लेखक के रूप में भी पहचान हासिल की थी।

कादर ने 1970 में इंडस्ट्री में अपनी शुरुआत की और जल्द ही अमिताभ बच्चन के साथ उनका एक मजबूत पेशेवर रिश्ता बन गया। दोनों ने कई फिल्मों में साथ काम किया, जिसमें कादर ने एक लेखक और सह-अभिनेता दोनों के रूप में योगदान दिया। ‘बेनाम’ (1974) से लेकर ‘हम’ (1991) तक, उनका साथ लगभग दो दशकों तक चला।

समय टीवी के शो ‘दिल ने फिर याद किया’ में पत्रकार प्रशांत आंग्रे से बात करते हुए, कादर खान ने अपनी दोस्ती और उसके अंत के बारे में याद किया था। उन्होंने अमिताभ बच्चन की तारीफ करते हुए कहा था, “अमिताभ बच्चन ने दिलीप कुमार की हर चीज की नकल की, लेकिन उनकी कद-काठी भी बहुत अच्छी थी और आवाज भी दमदार थी। उनकी आवाज ने ही उन्हें ऊंचा उठाया, लेकिन वे दिलीप कुमार के स्कूल से आते हैं।”

यह भी पढ़ें: ‘ऋषि कपूर और रणबीर कपूर बहुत लड़ते थे’, सुभाष घई का दावा, आलिया भट्ट से शादी के बाद बदले रॉकस्टार

राजनीति में जाने से बदला अमिताभ बच्चन का बर्ताव

कादर खान ने ये भी बताया था कि कैसे उनका, अमिताभ बच्चन के साथ रिश्ता बदल गया था। “इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद, उनके बेटे राजीव गांधी ने अमिताभ को राजनीति में आने का न्योता दिया। उन्होंने स्वीकार किया, चुनाव लड़े और सांसद बने। इस बात ने खूब चर्चा बटोरी। हालांकि, जब वे सांसद के तमगे के साथ फिल्म उद्योग में लौटे, तो उनका व्यवहार बदल चुका था।ठ

एक घटना को याद करते हुए कादर ने कहा था, “एक दिन एक निर्माता ने मुझसे पूछा, ‘क्या आप सर से मिले थे?’ मैं उलझन में पड़ गया और पूछा, ‘कौन सर?’ उन्होंने चौंकते हुए जवाब दिया, ‘आपके दोस्त, अमिताभ बच्चन।’ मैंने कहा, ‘मैं उन्हें सर क्यों कहूंगा? मैंने उन्हें हमेशा अमित कहकर ही बुलाया है।’ निर्माता हैरान रह गए और उन्होंने मुझे इशारा करते हुए कहा, ‘कृपया, उन्हें कभी नाम से मत बुलाइए – उन्हें सर कहिए।'”

यह भी पढ़ें: ‘सबसे अच्छी मां को जन्मदिन की शुभकामनाएं’, राघव चड्ढा ने खास अंदाज में परिणीति चोपड़ा को किया बर्थडे विश

कादर मुस्कुराते हुए बोले, “उस घटना के बाद, हमारे रास्ते अलग हो गए। वो ‘सर जी’ बन गए, और मैं ‘कादर जी’ ही रहा। मेरा दिल इस बात की इजाजत नहीं दे रहा था कि मैं अचानक किसी दोस्त को ‘सर’ कहने लगूं। वो आदमी बस मुझसे बचने लगा क्योंकि मैं उस उपाधि का इस्तेमाल नहीं करता था। मुझे बहुत दुख हुआ क्योंकि मैंने दूसरे फिल्म प्रोजेक्ट भी सिर्फ इसलिए छोड़ दिए थे क्योंकि वो चाहता था कि मैं उसके प्रोजेक्ट पर काम करूं। उसका बदला हुआ व्यवहार मुझे रास नहीं आया, और हमारा रिश्ता वहीं खत्म हो गया।”