अमिताभ बच्चन आज बॉलीवुड के शहंशाह हैं और सबसे अमीर अभिनेताओं में शुमार हैं। लेकिन कभी वे भारी कर्ज में डूबे थे। प्रसिद्ध लेखक-निर्देशक रूमी जाफरी ने बताया कि अमिताभ बच्चन बॉलीवुड में कॉरपोरेट कल्चर लाने वाले पहले व्यक्ति थे, हालांकि जब उन्होंने ABCL की शुरुआत की। लेकिन कंपनी को भारी नुकसान हुआ और अमिताभ बच्चन को 90 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाना पड़ा।
रूमी जाफरी के मुताबिक, ABCL की टीम सक्षम नहीं थी, जिस वजह से अमिताभ बच्चन को दिवालिया होना पड़ा। उन्होंने बताया कि अमिताभ ने कड़ी मेहनत करके हर एक रुपये का कर्ज खुद चुकाया।
हालांकि अमिताभ बच्चन ने अपने पांच दशक से ज्यादा के करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन अमिताभ बच्चन कॉरपोरेशन लिमिटेड (ABCL) का फेल होना उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा झटका माना जाता है। यह प्रोडक्शन कंपनी 90 के दशक के बीच शुरू हुई थी, लेकिन कुछ ही समय में दिवालिया हो गई। इस दौरान कंपनी पर 90 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज हो गया।
इतनी बड़ी परेशानी में होने के बावजूद बॉलीवुड के “शहंशाह” अमिताभ बच्चन ने किसी से मदद नहीं ली और अपनी मेहनत से सारा कर्ज चुकाया।
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‘ABCL संकट के समय अमिताभ ने किसी से मदद नहीं ली’
हाल ही में एक इंटरव्यू में रूमी जाफरी ने कहा, “मैं पूरे भरोसे से कह सकता हूं कि ABCL को नुकसान होने के बाद अमित जी ने किसी से भी आर्थिक मदद नहीं ली। मैंने उनकी मेहनत को करीब से देखा है।”
उन्होंने बताया कि ABCL बनने के समय अमिताभ बच्चन ने अपनी पूरी जीवन भर की कमाई कंपनी के CEO संजीव गुप्ता को सौंप दी थी। “यह पहली बार था जब मैंने किसी फिल्म कंपनी को कॉरपोरेट तरीके से काम करते देखा। उन्होंने सबसे पहले सचिन पिलगांवकर और जॉय ऑगस्टीन को साइन किया और मुझे लेखक के तौर पर लाया गया,” रूमी ने कहा।
अमिताभ खुद्दार हैं, हर पैसा खुद चुकाया- रूमी जाफरी
रूमी जाफरी ने बताया कि ABCL में उन्होंने पहली बार कॉन्फ्रेंस रूम और सूट पहने प्रोफेशनल्स देखे। उनका मानना है कि अमिताभ के पास उस समय सही टीम नहीं थी, जिससे कंपनी डूब गई।
उन्होंने कहा, “लेकिन अमिताभ एक फाइटर हैं। उन्होंने KBC और फिल्मों से कमाई हुई मेहनत की रकम से सारा कर्ज चुकाया। वह बहुत खुद्दार इंसान हैं।”
धीरूभाई अंबानी की मदद अमिताभ ने ठुकरा दी
अमिताभ बच्चन ने खुद बताया था कि संकट के समय धीरूभाई अंबानी ने उन्हें मदद की पेशकश की थी। धीरूभाई अंबानी ने अपने छोटे बेटे और अमिताभ के दोस्त अनिल अंबानी से कहा था, “इसका वक्त खराब है, इसे कुछ पैसे दे दो।”
अमिताभ ने कहा, “अनिल ने आकर मुझे बताया। जितनी रकम वो देना चाहते थे, उससे मेरी सारी परेशानियां खत्म हो जातीं। उनकी उदारता देखकर मैं भावुक हो गया।”
लेकिन अमिताभ ने यह मदद लेने से इनकार कर दिया और खुद कर्ज चुकाने का फैसला किया। बाद में धीरूभाई अंबानी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा, “यह लड़का गिरा था, लेकिन अपने दम पर फिर खड़ा हो गया। मैं इसकी इज्जत करता हूं।”
अमिताभ ने कहा कि धीरूभाई के शब्द और सम्मान उनके लिए पैसों से कहीं ज्यादा कीमती थे।
अमिताभ बच्चन की समय की पाबंदी की तारीफ करते हुए चंदा कोचर ने एक किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि अमिताभ किसी इवेंट में तय समय से 10 मिनट पहले पहुंच गए और बोले, “मैं थोड़ा जल्दी आ गया हूं, इसलिए मरीन ड्राइव पर एक चक्कर लगाकर वापस आता हूं।”
रूमी जाफरी ने कहा कि उन्होंने अमिताभ को देखकर अनुशासन सीखा। उन्होंने एक शूट का किस्सा सुनाया, “अमित जी हमेशा कहते थे – मैं सुबह 10 बजे आऊंगा और शाम 6 बजे निकल जाऊंगा। एक दिन शूट 6:30 बजे तक चला। तीसरे दिन भी ऐसा ही होने लगा। उसी दिन अखबार में उनकी समय की पाबंदी की तारीफ छपी थी। मैंने उनसे इसका जिक्र किया तो उन्होंने मजाक में कहा – ‘मैं समय पर इसलिए पहुंचता हूं क्योंकि समय पर निकलता हूं।’ मुझे बहुत शर्मिंदगी हुई।”
