साल 2001 में रिलीज हुई ‘गदरः एक प्रेमकथा’ फिल्म जब बन रही थी, उस वक्त अमीषा पटेल के पास बॉलीवुड की सिर्फ एक फिल्म का ही अनुभव था। हालांकि साल 2000 में ऋतिक रोशन के साथ ‘कहो ना प्यार है’ फिल्म से डेब्यू करने के बाद अमीषा पटेल कुछ साउथ की फिल्में भी कर चुकी थीं। गदर फिल्म के निर्देशक अनिल शर्मा को फिल्म के लिए एक नए चेहरे की तलाश थी।
दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबाक निर्देशक अनिल शर्मा ने गदर फिल्म के लिए करीब 500 लड़कियों का ऑडिशन लिया था। इन पांच सौ लड़कियों में से सिर्फ 6 लड़कियों को चुना गया था जिनमें अमीषा पटेल का भी एक नाम था। फिल्म में सकीना के किरदार के लिए अमीषा पटेल के नाम को फाइनल कर लिया गया। क्योंकि अमीषा इस किरदार के लिए एकमद रॉ थीं।
अनिल शर्मा के मुताबिक फिल्म में सकीना का किरदार एक पीरियड कैरेक्टर था। लेकिन अमेरिका से लौटीं अमीषा का बॉडी लैंग्वेज बिल्कुल भी फिट नहीं था। हालांकि किरदार के लिए अमीषा का चेहरा काफी सटीक था।
6 महीने तक 6 घंटे करती रहीं किरदार की प्रैक्टिसः अमीषा जानती थीं कि यह करिदार करना उनके लिए काफी चुनैतीपूर्ण है। इसलिए वह निर्देशक अनिल शर्मा के घर करीब 6 महीने तक रोजाना 6 घंटे अपने डायलॉग की प्रैक्टिस करती थीं। स्क्रिप्ट में लिखे एक-एक डायलॉग बोलकर वह अपने किरदार में ढलने की कोशिश करतीं।
भीड़ देख भूल जाती थीं डायलॉगः जब सबकुछ फाइनल हो गया तो फिल्म की शूटिंग शुरू की गई। लेकिन अमीषा पटेल के सामने डायलॉग बोलने की दिक्कत आने लगी। वह भीड़ देख अपना डायलॉग ही भूल जाया करती थीं। वह भीड़ को देख काफी घबरा जाती थीं। क्योंकि सेट पर सनी देओल को देखने के लिए काफी भीड़ इकट्ठा हो जाती थी।
17-18 रीटेक में सीन होता था फाइनलः अमीषा पटेल इतनी घबरा जातीं कि सनी देओल के साथ सीन करने में उनको 17 से 18 रीटेक देने पड़ते। अनिल शर्मा के मुताबिक बार बार रीटेक की वजह से वह काफी खीझ जाते थे। इसके लिए अमीषा को सेट पर कई घंटों पहले बुलाया जाता और वह पहले सारे डायलॉग की प्रैक्टिस करती थीं। बहरहाल, फिल्म जब रिलीज हुई तो अमीषा पटेल के निभाए सकीना का किरदार लोगों के जहन में रह गया। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बंपर कमाई की थी।