फिल्म बंटी और बबली (2005) का सुपरहिट गाना ‘कजरा रे’ जब रिलीज़ हुआ था ये इतना पॉपुलर हुआ था कि हर तरफ इसी गाने की चर्चा होती थी और रेडियो से लेकर टेलीविजन तक हर जगह ये गाना बजता रहता था। अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन पर फिल्माया गया यह गाना आज भी हर शादी और पार्टी की शान बना हुआ है। इस गीत को अपनी आवाज़ दी थी अलीशा चिनॉय ने, जिन्हें इसके लिए फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड भी मिला। लेकिन इस गाने की सफलता के पीछे एक कड़वी सच्चाई भी छिपी है। जिसका खुलासा उन्होंने हाल ही में किया है।
सिर्फ ₹15,000 का ऑफ़र
एक इंटरव्यू में अलीशा चिनॉय ने बताया कि उन्हें ‘कजरा रे’ गाने के लिए सिर्फ़ ₹15,000 का चेक दिया गया था। उन्होंने कहा– “कजरा रे के बाद मैं बहुत गुस्से में और दुखी थी। मुझे लगा, क्या गायकों की कोई क़ीमत नहीं है? उस समय मैं पहले से ही ‘Made in India’ हिट एल्बम के साथ बड़ी सिंगर थी। मैंने तो प्लेबैक करने का सोचा भी नहीं था, लेकिन एहसान (शंकर-एहसान-लॉय) ने बुलाया तो मैंने हाँ कहा।
फिर सोचा कि यशराज फ़िल्म्स का गाना है, तो मान लिया। लेकिन जब चेक आया और देखा कि सिर्फ़ ₹15,000 हैं, तो मैंने कहा- ‘हैलो! ये क्या है?’ मैंने वो चेक लेने से साफ़ मना कर दिया। वो बार-बार भेजते रहे, पर मैंने नहीं लिया।”
विवाद और बहिष्कार
अलीशा के इस बेबाक बोल ने उस वक्त इंडस्ट्री में विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा – “मैं तब बहुत सीधी थी, पॉलिटिकली करेक्ट नहीं थी। मैंने बस सच बोल दिया कि मुझे पैसे नहीं दिए, और वो बड़ी बात बन गई।”
लेकिन अलीशा आज भी अपने फैसले पर अडिग हैं। अलीशा ने कहा, “ये न्यायपूर्ण नहीं था। आज भी बहुत से सिंगर्स को पैसे नहीं मिलते, क्योंकि उन्होंने खुद अपनी वैल्यू कम कर दी है। इंडस्ट्री ये दिखाती है जैसे वो गायकों पर एहसान कर रही हो, जबकि सच ये है कि गाने गायकों की आवाज़ से ही अमर होते हैं।”
रॉयल्टी विवाद ने तोड़ा भरोसा
2010 में टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में अलीशा ने बताया कि उन्हें यह जानकर झटका लगा कि जब भी वे विदेश में ‘कजरा रे’ गाना गाती थीं, तो आयोजकों को यशराज फ़िल्म्स को रॉयल्टी फीस देनी पड़ती थी।
“एक बार किसी इंटरनेशनल शो में आयोजक ने कहा कि मैं कजरा रे नहीं गा सकती, क्योंकि इसके लिए यशराज को मोटी रकम देनी होगी। तब मुझे समझ आया कि गाने की असली कमाई तो कहीं और जा रही है।”
बॉलीवुड से दूरी
इस अनुभव के बाद अलीशा चिनॉय ने निर्णय लिया कि जब तक भारत में कॉपीराइट कानून नहीं बदलते, वह बॉलीवुड के लिए नहीं गाएँगी। उन्होंने आगे चलकर कई बड़े ऑफ़र भी ठुकरा दिए, जिनमें मधुर भंडारकर की फिल्म ‘दिल तो बच्चा है जी’ भी शामिल थी।