बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने जब हिंदी सिनेमा में एंट्री मारी थी तो उनकी इमेज एक रफ-एंड-टफ हीरो वाली थी। एक्शन हीरो की इमेज रखने वाले अक्षय कुमार अपनी लाइफ से कुछ अलग चाहते थे। वह एक ही इमेज के साथ बंधकर नहीं रहना चाहते थे। अक्षय अपने आप के साथ बहुत सारे एक्सपेरिमेंट करते रहना चाहते थे। आखिरकार उन्होंने एक दिन यह तय कर ही लिया कि कुछ भी हो जाए, बॉलीवुड में उनकी जो एक एक्शन हीरो वाली छवि बन गई है, वह उसे बदल कर रहेंगे। यह काम उनके लिए बिलकुल भी आसान नहीं था। इसके लिए उन्होंने कई पापड़ बेले और डायरेक्टर्स को कंवेंस किया कि वह एक्शन के अलावा और भी बहुत कुछ कर सकते हैं।
अपनी पुरानी एक्शन हीरो वाली इमेज को उन्होंने जितनी मेहनत से खड़ा किया था। अब उन्होंने एक बार फिर बिलकुल जीरो लेवल से खुद पर काम करना शुरू किया। रिपब्लिक चैनल को दिए इंटरव्यू में अक्षय कुमार खुद बताते हैं, ‘जब मैं इस इंडस्ट्री में आया था मैं एक एक्शन हीरो था। काफी लंबे समय तक यह टैग मेरे साथ लगा रहा। इसके बाद मैं खुद से बोर हो गया था। मेरे लिए उस दौरान इंपॉसिबल जैसा हो गया था, मैं अपनी इमेज बदलना चाहता था। आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि आज मेरी वह इमेज नहीं है। मैं उसे बदलने में पूरी तरह से कामयाब हूं।’
अक्षय बताते हैं, ‘मैं इंडस्ट्री में पैसा कमाने आया था। यही चीज थी जो मैं करना चाहता था। मैंने कभी अपनी जिंदगी में पैसा नहीं देखा था। मेरी फैमिली ने कभी लाइफ में पैसा नहीं देखा था। इस दौरान मैंने फील किया कि यहां पैसा कमाना कितना आसान है। मैं शुक्रगुजार हूं कि मुझे फिल्मों में काम करने का मौका मिला, लेकिन मैंने भी यहां जमे रहने के लिए बहुत मेहनत की। ऐसे-ऐसे स्टंट्स किए जो इंडस्ट्री में किसी ने नहीं किए। करीब 9 साल के बाद मुझे लगा कि मैं क्या कर रहा हूं, मैं तो एक्टर बनना चाहता था, इसके बाद मैंने लोगों को कंवेंस करना शुरू किया कि मैं भी एक्शन के अलावा कॉमेडी और रोमांटिक फिल्मों में काम कर सकता हूं।’
‘मैं ‘हेरा-फेरी’ करना चाहता था। इसके लिए मैंने फिरोज नाडियावाला जो फिल्म के प्रोड्यूसर थे उन्हें कंवेंस किया। उसके बाद प्रियदर्शन ने भी मेरी कही बात पर भरोसा रखा। उसके बाद उन्होंने मुझे राजू का रोल दिया। इस फिल्म में न मेरे पास हिरोईन थी, न ही करने के लिए एक्शन था। सिर्फ कॉमेडी थी।’