Cannes Aishwarya Rai Bachchan Outfit: बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन इन दिनों अपने लुक को लेकर छाई हुई हैं। अपने एलीगेंट अवतार से उन्होंने एक बार फिर लोगों को अपना दीवाना बना दिया है। कान्स के रेड कार्पेट पर पहले दिन उन्होंने मनीष मल्होत्रा की डिजाइन की हुई साड़ी पहनकर जलवा बिखेरा। इसके बाद फिर उन्होंने गुरुवार को दूसरी बार कान्स के रेड कार्पेट पर वॉक की। इस दौरान वह गौरव गुप्ता के डिजाइन किए हुए ब्लैक सीक्वेंस गाउन में नजर आईं।
ऐश्वर्या राय बच्चन ने ला वेन्यू डे लावेनिर (कलर्स ऑफ टाइम) के प्रीमियर के लिए गौरव गुप्ता द्वारा डिजाइन किए गए आउटफिट को व्हाइट ब्रोकेड केप संग टीमअप किया था, जिसपर भगवद गीता का एक संस्कृत श्लोक भी लिखा हुआ था। बता दें कि इस श्लोक को व्हाइट केप पर कढ़ाई करके बनाया गया था। जब ऐश्वर्या अपने इस आउटफिट के साथ रेड कार्पेट पर पोज दे रही थीं, तभी कुछ ऐसा हुआ कि हेलेन मिरेन ने उनके इस भगवद गीता श्लोक लिखे आउटफिट पर पैर रखा दिया। इसके बाद एक्ट्रेस ने जो किया वह अब वायरल हो रहा है।
हेलेन मिरेन ने रखा ऐश्वर्या के आउटफिट पर पैर
बता दें कि जब ऐश्वर्या राय बच्चन रेड कार्पेट पर पोज दे रही थीं। उस समय वहां हॉलीवुड एक्ट्रेस हेलेन मिरेन और कारा डेलेविंगने भी मौजूद थीं। बॉलीवुड डीवा ने भी उनके साथ पोज दिए, लेकिन पोज बदलते समय हेलेन का पैर गलती से ऐश्वर्या की केप पर पड़ गया। ऐसे में एक्ट्रेस हेलेन को मुस्कुराकर उनका पैर हटाने को कहती हैं और हेलेन भी तुरंत पैर हटाकर एक्ट्रेस से माफी मांगती हैं।
डिजाइनर ने ड्रेस के बारे में दी जानकारी
डिजाइनर गौरव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करके इस ड्रेस के बारे में जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि इस आउटफिट का नाम ‘हेइरेस ऑफ क्लैम’ रखा और कहा कि यह “एक कस्टम क्रिएशन है जिसे ड्रेप्ड फॉर्म और आध्यात्मिक विवरण में कल्पित किया गया है।” इसके आगे उन्होंने श्लोक के बारे में बताया, “उनकी बॉडी पर बनारस, भारत में हाथ से बुनी गई बनारसी ब्रोकेड की कैप है, जिस पर भगवद गीता का एक संस्कृत श्लोक लिखा हुआ है।”
फिर उन्होंने संस्कृत में श्लोक लिखा, “कर्मण्ये वाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन, मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोस्तवकर्माणि।” सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने श्लोक का हिंदी अनुवाद भी किया, “आपको अपने कर्म करने का अधिकार है, लेकिन उन कर्मों के फलों का नहीं। कर्म के फलों को अपना उद्देश्य न बनाएं, न ही निष्क्रियता के प्रति आपकी आसक्ति हो।”