नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ द रोमांटिक्स में फ़िल्म निर्माता आदित्य चोपड़ा दिखाई दिए थे मगर तब से सालों से उन्हें पब्लिकली नहीं देखा गया। यशराज बैनर के ओनर और डायरेक्टर एकांतप्रिय हैं और पब्लिक अपीयरेंस पसंद नहीं करते हैं। हालांकि डीडीएलजे का मेकिंग वीडियो आप देखेंगे तो वो आपको किसी डिक्टेटर से कम नहीं लगेंगे। हाल ही में यशराज फ़िल्म्स के YouTube चैनल पर साझा किए गए मेकिंग-ऑफ फ़ीचर में, दिग्गज दिवंगत कोरियोग्राफर सरोज खान ने याद किया कि जब आदित्य चोपड़ा ने उन्हें देर से आने के कारण फ़िल्म से लगभग निकाल दिया था।

उन्होंने शर्मिंदगी से कहा, “आदि मुझे फ़िल्म से बाहर करने वाले थे। मैं एक दिन देरी से आई, और वे गाने का पहला शॉट लेने वाले थे, जिसमें काजोल काले रंग के गाउन में हैं, और उन्होंने काला सूट पहना हुआ है। वह चिल्ला रहे थे और अपने पिता से कह रहे थे, ‘मैं सरोज जी को बाहर निकालने जा रहा हूँ’। किसी तरह, मैं समय पर आई, इससे पहले कि वह मुझे बाहर निकाल देते।” उनके भाई उदय चोपड़ा ने कहा कि ‘कोई नहीं जानता था’ कि आदि के दिमाग में क्या चल रहा था। उदय ने याद किया, “सरोज जी उनसे कह रही थीं, ‘आदि, तुम क्या कर रहे हो? तुम इस गाने को खराब कर रहे हो’। यहां तक ​​कि क्लाइमेक्स के कुछ हिस्सों में भी, वे बदलाव कर रहे थे। सरोज जी, मन जी (सिनेमैटोग्राफर मनमोहन सिंह), पिताजी (यश चोपड़ा), वे सभी अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ थे, और वे उनसे (आदित्य चोपड़ा) कह रहे थे कि वह कुछ गलत कर रहे हैं, और फिर भी उन्होंने किसी की बात नहीं सुनी। वह बस अपने मन की सुनते थे। यह सरोज जी की महानता है कि वे एक दिन घर आईं और कहा, ‘मैं गलत थी, तुम सही थे’।”

आदित्य चोपड़ा का मानना था कि मैं अपने मन की नहीं करूंगा तो मुझे कैसे पता चलेगा कि मैंने क्या गलतियां की हैं। अगर मैं गलत होता हूं तो ये मेरी गलती होनी चाहिए। जिसपर उन्हें विश्वास नहीं होता था आदित्य वो नहीं करते थे। करण जौहर ने डीडीएलजे में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम किया था, यहीं पर उन्होंने शाहरुख और काजोल को अपनी पहली फीचर फिल्म, कुछ कुछ होता है में अभिनय करने के लिए कहा था। करण ने भी बताया कि आदित्य सेट पर एक ‘तानाशाह’ की तरह थे। “वह एक तानाशाह है, वह निश्चित रूप से निर्देशक नहीं है। यह उसका तरीका है। उनकी स्पष्टता ऐसी चीज है जिसे मैं फॉलो करना चाहता हूं और जिससे प्रेरित होता हूं।”