ओम राउत के निर्देशन में बनी फिल्म ‘आदिपुरुष’ जब से रिलीज हुई है तबसे फिल्म अलग-अलग कारणों से चर्चा में है। देशभर में फिल्म का जमकर विरोध हो रहा है क्योंकि फिल्म में कई जगह ऐसे बदलाव किए हैं जो लोगों को पसंद नहीं आया है। फिल्म में हनुमान जी द्वारा बोले गए संवाद भी विवादों में हैं और मनोज मुंतशिर को इसकी वजह से काफी ट्रोल का सामना भी करना पड़ा। अब इस फिल्म को नेपाल में बैन कर दिया गया क्योंकि वहां के लोगों को फिल्म के एक डायलॉग से आपत्ति है।
दरअसल आदिपुरुष में सीता को भारत की बेटी कहकर संबोधित किया गया है, जबकि नेपाल का मानना है कि सीता जी का जन्म नेपाल में हुआ था जब फिल्म को काठमांडु में बैन कर दिया गया तो टी-सीरीज ने वहां के मेर शाह से पत्र लिखते हुए माफी मांगी है। मेकर्स ने कहा है कि गलती सुधार ली गई है और ये जानबूझकर नहीं बल्कि अनजाने में हुआ।
शाह ने फिल्म में संवाद की एक पंक्ति पर आपत्ति जताने के बाद काठमांडू में फिल्म पर बैन लगाने का आदेश जारी किया था। मेयर शाह ने एक ट्वीट में लिखा, “जब तक फिल्म आदिपुरुष में निहित ‘जानकी भारत की एक बेटी है’ का नारा नहीं हटता है, तब तक काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी में किसी भी हिंदी फिल्म को चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसे दुरुस्त करने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। माता सीता की जय।”
सोमवार से वहां सभी भारतीय फिल्मों पर बैन लग गया है। शाह ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा था, “सोमवार, 19 जून से काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के भीतर सभी हिंदी फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक लगा दी जाएगी, क्योंकि आदिपुरुष फिल्म के संवाद में आपत्तिजनक शब्द अभी तक नहीं हटाए गए हैं।”
उन्होंने कहा, “हमने तीन दिन पहले फिल्म से ‘सीता इज इंडियाज डॉटर’ वाले डायलॉग के आपत्तिजनक हिस्से को तीन दिन के भीतर हटाने के लिए नोटिस जारी किया था।”
शाह के अलावा, पूर्वी नेपाल में धरान के मेयर, हरका संपंग ने भी नेपाल के इतिहास और संस्कृति को विकृत करने का दावा करते हुए फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है। और काठमांडू मेट्रोपोलिस के साथ खड़े, पोखरा मेट्रोपॉलिटन सिटी ने भी संवाद विवाद के बाद भारतीय फिल्मों की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
आदिपुरुष के मेकर्स ने नेपाल से माफी मांग ली है जिसके बाद अब भारत में आहत लोग लिख रहे हैं कि नेपाल से माफी मांग ली मगर भारत के लोगों से माफी नहीं मांग सके मेकर्स।