किसान आंदोलन पर सियासत का दौर जारी है। प्रधानमंत्री मोदी के ‘आंदोलनजीवी’ वाले बयान के बाद मामला और गरमा गया है। इसी बीच एबीपी न्यूज चैनल पर सुमित अवस्थी ने किसान नेता राकेश टिकैत से इस मामले पर तमाम सवाल पूछे। सुमित अवस्थी राकेश टिकैत से कहते हैं कि मैं आपको किसान नेता कहूं या राजनेता कहूं? इस पर राकेश टिकैत ने जवाब दिया- न, हम तो न किसान नेता हैं, न ही राजनेता हैं,… हम तो सिर्फ खेती करने वाले लोग हैं।

सुमित अवस्थी पूछते हैं पक्का? इस पर राकेश टिकैत कहते हैं कि अभी भी भुगतान नहीं हो रहा गन्ने का…। सुमित सवाल करते हैं- आज तक तो आपने आंदोलन नहीं किया, अब क्यों कर रहे हैं? पीएम मोदी ने कह दिया कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं, आप लोग घर लौट जाइए, संसद में संशोधन तमाम कानूनों में होते हैं, इसमें भी हो सकता है। लौटिये तो सही घर वापस, क्यों नहीं लौटना चाहते हैं?

इस पर टिकैत कहते हैं- नहीं होगा ऐसा, पहले बातचीत होगी। घर लौटकर बातचीत होगी? बातचीत होगी…समझौता होगा… बात करो पहले। जब आप हमारी बात नहीं मान रहे, हमारी बात समझ नहीं आ रही तो क्या ऐसे ही लौट जाएं वापस? सरकार हमारी भाषा नहीं समझ रही तो सरकार हमें भी उस स्कूल में पढ़ा दे जिस स्कूल में सरकार पढ़ी।

टिकैत आगे कहते हैं- ‘कानून पूर्ण रूप से खराब है, किसान अपनी फसल आधे रेट पर बेच रहा है। गांव के लोगों को नहीं पता क्या कानून है? उनको बस ये पता है कि जिस चीज को वो पैदा कर रहा है उसे करने में लाभ है। अगर वो नुकसान में बेच रहा है और आने वाले टाइम पर क्या होने वाला है.. वो किसान जानता है वो। धान वो 8 रुपए किलो बेच रहा है क्या 8 रुपए किलो ही बिकता है धान?’

उन्होंने आगे कहा- ‘गन्ने की फसल, गन्ना एक्ट में 14 दिन में भुगतान होना है… क्या 14 दिन में भुगतान हो रहा है? उसमें ये भी लिखा है कि अगर भुगतान नहीं होगा तो हम उसपर ब्याज देंगे। आज भी 12 हजार करोड़ रुपए का गन्ने का भुगतान खाली उत्तर प्रदेश में है। ये कानून तो नहीं मानते। ये कानून किसान की सहमति से नहीं बना है।’