पैगंबर मोहम्मद पर बनी फिल्म ‘मोहम्मद: मैसेंजर ऑफ गॉड’ के संगीत में अपनी आवाजा देने वाले ऑस्कर अवॉर्डी सिंगर और म्यूजिक कंपोजर ए आर रहमान ने उनके खिलाफ फतवा जारी करने वाले को करारा जवाब दिया है।
रहमान ने फतवा जारी करने वाले के खिलाफ अपनी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक एक खुला खत लिखा है। रहमान ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने सिर्फ फिल्म में संगीत दिया है न कि फिल्म का निर्देशन किया है। रहमान ने कहा है कि अगर संगीत ने देता तो खुदा को क्या जवाब देता। उन्होंने लिखा कि मैं इस्लाम का विद्वान नहीं हूं।
गौरतलब है कि रहमान को इन दिनों पैगम्बर मोहम्मद पर बनी फिल्म को लेकर मुसलमानों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। उनके खिलाफ निकाले गए फतवे में कहा गया है कि फिल्म बनाने में कोई गुनाह नहीं है, लेकिन पैगम्बर की जिंदगी को एक नाटक के रूप में पेश करना और उनके किरदार को गैर-मुस्लिम अभिनेता के द्वारा निभाने से मजहब का मजाक उड़ाया गया है। इसलिए रहमान को फतवा जारी करने वालों ने नापाक करार दिया और दोबारा कलमा पढ़ने के लिए कहा है।
पिछले दिनों मुंबई के एक सुन्नी संगठन ने भी इस फिल्म में खुदा का मजाक बनाए जाने का आरोप लगाया था। संगठन ने रहमान और माजिद मजीदी के खिलाफ फतवा जारी कर कहा था कि दोनों ने इस्लाम का अपमान किया है।
फतवा में मुस्लिमों को आवाह्न करते हुए कहा गया कि वे सिर्फ इस फिल्म का बहिष्कार ही न करें बल्कि व्यक्तिगत और कानूनी स्तर पर इस फिल्म का विरोध भी करें। रजा अकादमी ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़वीनस के पास भी अपनी शिकायत दर्ज कराई।
इस संगठन का कहना है कि मोहम्मद साहब की तस्वीर बनाई या रखी नहीं जा सकती है। ये फिल्म इस्लाम का मजाक उड़ाती है। इनका कहना है कि ‘इस फिल्म में प्रोफेशनल एक्टर्स ने काम किया है, जिनमें से कुछ गैर-मुस्लिम भी हैं।
इसमें काम करने वाले, विशेषकर मजीदी और रहमान, दोनों नापाक हो गए हैं और उन्हें दोबारा कलमा पढ़ना होगा।’ 253 करोड़ की लागत से बनी यह फिल्म 18 अगस्त को ईरान में रिलीज हो चुकी है। ईरान के माजिद मजीदी ने इस फिल्म का निर्देशन किया है। ईरान में बनी ये अब तक की सबसे मंहगी फिल्म बताई जा रही है।