फिल्म ’72 हूरें’ के मेकर्स के खिलाफ मुंबई में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस को एक लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें कहा गया है कि मेकर्स ने विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत करने और देश को बांटने की कोशिश की है।

शिकायत मुंबई के गोरेगांव पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। उनके वकील अली काशिफ खान ने कहा कि कार्यकर्ता ने फिल्म की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को एक अलग शिकायत सौंपी है। पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली है, लेकिन अभी तक कोई एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज नहीं की गई है।

क्या है विवाद?

फिल्म को संजय पूरन सिंह चौहान ने डायरेक्ट किया है। फिल्म के ट्रेलर को लेकर ही विवाद शुरू हो गया था। खबर थी कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने फिल्म के ट्रेलर को सेंसर सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया था। फिल्म के ट्रेलर को थिएटर में रिलीज करने पर रोक लगाने के बाद इसे यूट्यूब पर रिलीज किया गया था।

इसे लेकर फिल्म के को-प्रोड्यूसर अशोक पंडित ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था,”सेंसर बोर्ड हमें ट्रेलर से कुछ दृश्य और शब्द हटाने के लिए कहा है, लेकिन उन्हें उन दृश्यों को फिल्म में रखने पर कोई आपत्ति नहीं है। हम सवाल कर रहे हैं।” यह विरोधाभास है। यह फिल्म किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है और आतंकवाद से निपट रही है।”

फिल्म के ट्रेलर को लेकर क्यों हो रहा विवाद?

ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे किशोर मुसलमानों को आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाता है। पवन मल्होत्रा, आमिर बशीर, रशीद नाज़ और अशोक पाठक इसमें मुख्य भूमिका में हैं, यह फिल्म आस्था के साथ छेड़छाड़ का भंडाफोड़ करने का वादा करती है।