डायरेक्टर सुभाष घई (Subhash Ghai) की फिल्म ‘खलनायक’ तो सभी को याद होगी। भला याद भी क्यों ना हो इसमं संजय दत्त ने बल्लू के किरदार से दर्शकों दिल जो जीत लिया था। इसमें उनके अलावा संजय दत्त और माधुरी दीक्षित ने भी कमाल का काम किया था। इन सभी स्टार्स की संजिदा एक्टिंग ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर दिया था। फिल्म की हिट के साथ-साथ इसके गाने भी काफी पॉपुलर हुए थे। इसी में से एक गाना ‘चोली के पीछे क्या है…’ रहा था, जो काफी पॉपुलर हुआ साथ ही इस पर जमकर बवाल भी हुआ। गाने को अश्लीत तक करार दे दिया गया था। ऐसे में अब सुभाष घई ने इस गाने को बनाने के पीछे की सोच के बारे में बताया है कि इसे क्यों बनाया गया था?
‘चोली के पीछे क्या है…’ के गाने के पीछे के उद्देश्य के बारे में बात करें उससे पहले आपको बता दें कि फिल्म ‘खलनायक’ की रिलीज को 30 साल हो गए हैं। इसे 6 अगस्त, 1993 को सिनेमाघरों में रिलीज किया गया था। इस मौके पर डायरेक्टर ने फिल्म के इस गाने पर खुलकर बात की है। इस मौके पर उन्होंने पीटीआई से बात की और कहा कि ‘खलनायक’ के बारे में उनके दिमाग में एक बात आज भी खटकती है कि ‘चोली के पीछे…’ को अश्लील करार दे दिया गया था। वो इसे एक ट्रैजेडी मानते हैं। उनके लिए ये बड़ा झटका था। उन्होंने इस गाने को फिल्म में लोक गीत के रूप में माना था और क्रिएटिव तरीके से दिखाने की कोशिश की थी। लेकिन जब फिल्म रिलीज हुई तो मामला कुछ और ही हो गया था। इस पर खूब बवाल हुआ था।
‘चोली के पीछे क्या है…’ के मेकिंग की बात की जाए तो इसके गीतकार आनंद बख्शी थे, जिन्होंने इसके बोल लिखे थे। वहीं, इसे म्यूजिक डायरेक्टर लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की हिट जोड़ी ने कंपोज किया था। अल्का याग्निक और इला अरुण ने गाने में अपनी बेहरतरीन आवाज दी थी। गाना भले ही वल्गर करार दे दिया गया था मगर इसका म्यूजिक और गायिकी दमदार थी। आज भी इसकी खनक बज जाए तो लोग झूमने पर मजबूर हो जाते हैं।
संजय दत्त के किरदार पर भी मचा था बवाल
आपको बता दें कि ‘चोली के पीछे…’ पर केवल विरोध नहीं हुआ था। ‘खलनायक’ में संजय दत्त के किरदार को लेकर भी काफी बवाल मचा था। उन्होंने इसमें आतंकवादी की भूमिका निभाई थी। फिल्म के प्रीमियर के कुछ दिन पहले ही उन पर टाडा और आर्म्स एक्ट लगा था और उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उस समय उनकी रील को लोग रियल लाइफ से जोड़ने लगे थे।