बॉलीवुड एक्टर विक्रांत मैसी ने फिल्म ’12वीं फेल’ से हर किसी को इंप्रेस कर दिया है। ’12वीं फेल’ एक्टर के करियर की बड़ी फिल्म साबित हुई है, जिसके लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला। विक्रांत मैसी की इस फिल्म की आम जनता के साथ-साथ फिल्मी सितारों ने भी विक्रांत की खूब तारीफ की है।
20 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 50 करोड़ से ज्यादा की कमाई की थी। इस फिल्म में उन्होंने आईपीएस ऑफिसर मनोज कुमार की कहानी को फिल्मी पर्दे पर उतारा था। इस फिल्म की सफलता के बाद विक्रांत मैसी ने अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी कई खुलासे किये थे। वहीं एक्टर बॉलीवुड स्टार्स और अन्य मुद्दों पर भी अपनी राय खुलकर रखते नजर आ रहे हैं। अब हाल ही में एक्टर ने नसीरुद्दीन शाह के बेबाक अंदाज को लेकर टिप्पणी की है।
आमिर खान को लेकर कही यह बात
यूट्यूब चैनल अनफिल्टर्ड बाई समदीश पर बातचीत में, जब विक्रांत से पूछा गया कि क्या आमिर खान को साल 2022 में ‘लाल सिंह चड्ढा’ की रिलीज के दौरान उनके पुराने असहिष्णुता वालें बयान के कारण मुसीबतों का सामना करना पड़ा था? बॉलीवुड सेलेब्स को सार्वजनिक तौर पर अपने विचार रखने की कीमत चुकानी पड़ती है। इस पर एक्टर ने कहा कि ” हां, आमिर खान को इसका सामना करना पड़ा था। उनके पुराने बयानों का असर उनकी फिल्मों पर पड़ा है।” फिर उन्होंने कहा कि यही बात है। “हम इसके बारे में क्या कर सकते हैं? फिर आप पुरानी कहावत पर वापस जाते हैं जो कहती है कि “अज्ञानता ही आनंद है। अपना घर बार देखो, अपना परिवार देखो। हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां हर किसी की देखभाल के लिए एक परिवार है, हर किसी के पास अपने-अपने बिल हैं भुगतान करने के लिए।” वहीं जब नसीरुद्दीन शाह का जिक्र किया गया तो जो कि बॉलीवुड से राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर बड़ी बेबाकी से अपनी राय रखते नजर आते हैं।
नसीरुद्दीन शाह का किया जिक्र
नसीरुद्दीन शाह का जिक्र करते हुए विक्रांत मैसी ने कहा कि “नसीरुद्दीन शाह अब 70 साल की उम्र में यह सब कह सकते हैं। अब वह ज्यादा अधिक खुलकर अपनी बात रख सकते हैं। पहले वो ऐसा नहीं कर सकते थे। जब उन्हें अपना करियर बनाना था। जब वह यंग थे। तब वह इतने खुलकर अपने विचार नहीं रख सकते थे।”
एक्टर ने आगे कहा कि “अब सोशल मीडिया के आने से लोगों तक अपने विचार पहुंचाना बहुत आसान हो गया है। क्योंकि अब ये एक बटन के क्लिक से इतनी आसानी से उपलब्ध है। यहां कह किसी का अपना नजरिया है, सबका अपने अलग अलग विचार हैं। लेकिन बहुत से लोग इससे कतराते हैं हालांकि यह उनका अधिकार है कि वे बाहर जाएं और कहें कि ‘हां, मैं अराजनीतिक हूं’, भले ही वे नहीं हों।”