उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हल्द्वानी में चुनाव प्रचार के दौरान केवल उनके हेलीकाप्टर की तलाशी लिये जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार की शह पर ही उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त को भेजी एक शिकायत में रावत ने आरोप लगाया कि केवल उनके हेलीकाप्टर की ही अब तक तलाशी ली गयी है। प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह स्वयं अपने हेलिकाप्टर से भाजपा उम्मीदवारों को धन बांट रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दर्जनों केंद्रीय मंत्री चुनाव प्रचार में सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं और प्रचार के दौरान हेलिकाप्टर व वाहनों से लगातार आ जा रहे है और भाजपा के उम्मीदवारों को धन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘आश्चर्य है, मात्र मेरी ही तलाशी अभी तक ली गई है, प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए आ रहे केंद्रीय मंत्रियों व भाजपा नेताओं को क्या विशेष छूट दी गई है।’’ निष्पक्ष व स्ंवतत्र चुनाव के लिए सभी के साथ एक जैसा व्यवहार किये जाने की अपेक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के प्रभाव और दिल्लीवालों के निर्देश पर ही मेरी तलाशी ली गई है।
गौरतलब है कि हल्द्वानी में चुनाव प्रचार को पहुंचे रावत के हेलीकाप्टर की तलाशी ली गयी थी कि कहीं उसमें बेहिसाब धन तो नहीं ले जाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इस छोटे से राज्य के चुनाव में अब तक 2000 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है और धन-बल खर्च कर लोकंतत्र को कलंकित किया जा रहा है। रावत ने यह भी कहा कि भाजपानीत केंद्र सरकार ने अडानी और अन्य पूंजीपतियों को उत्तराखण्ड की पन बिजली परियोजनाओं को सौंपने का सौदा कर लिया है और चुनाव में खर्च होने वाला धन भी उन्ही घरानों से आ रहा है।

