आकाश जोशी
उत्तराखंड में आगामी 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। हालांकि प्रदेश में कई मुद्दे ऐसे हैं जिसको लेकर भाजपा को कई सवालों का सामना करना पड़ा रहा है। इसमें महंगाई, रोजगार, सुरक्षा का मुद्दा काफी अहम है। इस बीच कांग्रेस से भाजपा में आये बागियों को पार्टी ने काफी तवज्जो दी है।
दरअसल भाजपा ने लगभग कांग्रेस से आये लगभग सभी बागियों को टिकट दिया है। इतना ही नहीं पार्टी ने अपने 11 मौजूदा विधायकों को मैदान में नहीं उतारा है। इसको लेकर भाजपा अल्मोड़ा सचिव रवि रौतेला का कहना है कि टिकट कटने से नाराज नेता पार्टी नहीं छोड़ते हैं, तो भी उनका समर्थन तस्वीर बदल सकता है।
इन सबके बीच अगर ग्राउंड रिपोर्ट की बात करें तो उत्तराखंड में इस बार भाजपा को कई सवालों का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें महंगाई और सुरक्षा अहम मुद्दा है। अल्मोड़ा कस्बे से करीब 13 किलोमीटर दूर कोटुरा गांव के महेश प्रसाद का कहना है कि राजनेताओं को यह बात नहीं समझ आती कि हमें मुफ्त में कुछ नहीं चाहिए, बल्कि महंगाई पर रोक चाहिए। जब हमारे पास सिलेंडर लेने के लिए पैसे नहीं होंगे, तो हम मुफ्त की चीजों का क्या करेंगे?”
वहीं भेटुली गांव के करीब सुरेश नाम के एक शख्स ने बताया, “मोदी जी और धामी जी ने हमें काफी कुछ दिया है। हालांकि उत्तराखंड में बीजेपी के सामने कई सवाल भी हैं, लेकिन इनका जवाब कांग्रेस के पास भी नहीं है।” उन्होंने कहा कि हमें मुफ्त राशन, मुफ्त टीके, अच्छी सड़कें मिली हैं। लोग इस एहसान को नहीं भूलेंगे।
सुरेश ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण, देवभूमि (उत्तराखंड) से ‘बाहरी लोगों’ को दूर रखने की जरूरत है। और यह काम केवल मोदी जी जैसे चौकीदार कर सकते हैं। वहीं अल्मोड़ा के गांव सल्ला में 70 साल की बुजुर्ग देवकी देवी का कहना है कि अब सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी इतनी कम है कि सिलेंडर नहीं खरीद पा रहे हैं। जितना संभव हो, हम लकड़ी के जरिए खाना बनाते हैं।
बता दें कि सल्ला, एक उच्च अनुसूचित जाति की आबादी वाला अंबेडकर ग्राम है। यहां महंगाई के चलते उज्ज्वला योजना के सिलेंडर बेकार पड़े हुए हैं, जो मूल्य वृद्धि और संकट के दर्शाते हैं।
काठगोदाम में रहने वाले संजय सिंह, जो एक टैक्सी ड्राइवर हैं, उनका कहना है, “भाजपा का अधिकांश कार्यकाल निराशाजनक रहा है। मुझे दो रावतों (पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत) के नाम भी याद नहीं हैं।” उनका कहना है कि चीजों के दाम बढ़ गये हैं।
हालांकि संजय ने कहा, “धामी जी ने बहुत कुछ किया है। परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों को 2,000 रुपए की राहत मिली है। रेस्टोरेंट और ढाबों की मदद की जा रही है। सभी को वैक्सीन मिल गई है।” वहीं बढ़ती कीमतों को लेकर वे कहते हैं, ”सरकार को कहीं न कहीं बचत करनी है, शायद इसीलिए उसने सब्सिडी में कटौती की है।”
महेश बिष्ट जो एक टैक्सी चलाते हैं, उन्होंने राज्य में सुरक्षा के मुद्दे को अहम माना। उनका कहना है कि उत्तराखंड की मिट्टी के योगी जी ने यूपी में माफियाराज खत्म किया है। उन्होंने चीन सीमा के मामले पर कहा कि चीन हमारी सीमा पर है भाजपा के राज में हमारी फौज को वह पहचान मिल रही है जिसकी वह हकदार है।
अल्मोड़ा शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर बरेचिना के एक निजी स्कूल में शिक्षक, 26 वर्षीय संजय आर्य का कहना है, “उत्तराखंड में ओबीसी नहीं है। यहां कांग्रेस (जिसे दलितों ने परंपरागत रूप से प्राप्त है) और भाजपा (ठाकुर पार्टी) के बीच लड़ाई है। अब समस्या भाजपा के ‘ठाकुरवाद’ और कांग्रेस के कुछ न कर पाने की विफलता के बीच दोनों आपसी लड़ाई में बहुत व्यस्त हैं। भाजपा के विपरीत उनकी कोई वैचारिक प्रतिबद्धता नहीं है।”