उत्तराखंड में कोरोना महामारी के साथ भारी बर्फबारी और कड़ाके की ठंड ने चुनाव प्रचार की रफ्तार बिल्कुल धीमी कर दी है। कोरोना विषाणु के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर चुनाव आयोग ने 31 जनवरी तक राजनीतिक रैलियों पर पहले ही रोक लगा दी थी और अब पिछले हफ्ते शुरू हुई भारी बर्फबारी और बारिश ने चुनाव प्रचार अभियान की रफ्तार थाम ली है।
अधिकतम 10 लोगों के साथ घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क और बड़े हाल में 50 फीसद की क्षमता के साथ बैठकों तक सिमट गए चुनाव प्रचार अभियान में मौसम का बिगड़ा मिजाज प्रत्याशियों के लिए दुश्वारियां पैदा कर रहा है। भारी हिमपात के कारण प्रदेश के बहुत से गांव सीधे संपर्क से कट गए हैं, जहां पहुंच पाना उम्मीदवारों के लिए ‘दुरुह’ साबित हो रहा है।
बदरीनाथ से मौजूदा विधायक और भाजपा प्रत्याशी महेंद्र भट्ट ने कहा कि बारिश और हिमपात के कारण पिछले कई दिन से वह छाता लेकर और गमबूट पहनकर गांव-गांव में लोगों से संपर्क कर रहे हैं। मौसम की वजह से कई क्षेत्रों में आने-जाने में समय अधिक लग रहा है। इस संबंध में जोशीमठ ब्लाक के दुरमी गांव का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां पहुंचने में सामान्यत: एक घंटा लगता है, लेकिन खराब मौसम के चलते उन्हें वहां पहुंचने में दो घंटे से भी ज्यादा का समय लग गया।
उत्तराखंड में 70 में से करीब दो दर्जन विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिनके अनेक क्षेत्र सर्दियों में बर्फ की चपेट में रहते हैं। इनमें प्रमुख रूप से केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, मसूरी, धारचूला, चकराता, पुरोला, नैनीताल और धनोल्टी शामिल हैं। केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र का 35-40 फीसद हिस्सा बर्फबारी से प्रभावित रहता है और इस बार तो यहां रेकार्ड बर्फबारी हुई है। यहां दोबारा विधानसभा में पहुंचने का प्रयास कर रहे कांग्रेस प्रत्याशी और विधायक मनोज रावत ने माना कि इस बार हमेशा के मुकाबले मौसम ज्यादा खराब है और लगातार बर्फ पड़ रही है। फिलहाल बर्फ से ढके मचकंडी, अकोडी और बडच ग्रामसभाओं तक पहुंचने में उन्हें सामान्य के मुकाबले दोगुना समय लगा। रावत स्वयं बडच गांव के निवासी हैं।
धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री और डीडीहाट से भाजपा प्रत्याशी बिशन सिंह चुफाल ने बताया कि बर्फबारी के बीच उन्होंने मनपापो और मनडा ग्रामसभाओं में अपने लिए वोट मांगे। हालांकि, चुफाल ने कहा कि बर्फबारी अड़चन तो है, लेकिन मतदाताओं तक पहुंचने में वह हर बाधा को पार करेंगे। उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने कहा कि खराब मौसम के कारण चुनाव प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि चुनावकर्मी दल मतदान केंद्रों तक एक दिन पहले ही पहुंच जाते हैं। और मतदान केंद्र वगैरह भी एक दिन पहले ही तैयार कर लिए जाते हैं।