उत्तराखंड में राजनीति विश्लेषक राज्य की पांचवीं विधानसभा के लिए हुए मतदान के औसत को लेकर राजनीतिक गुणा-भाग में जुटे हैं। राज्य चुनाव आयोग से अब तक मिले आंकड़ों के अनुसार राज्य की 70 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 65.10 फीसद हुआ। चुनाव आयोग के अनुसार पहाड़ के दूरदराज क्षेत्रों से अंतिम आंकड़े आने के बाद यह स्पष्ट हो सकेगा कि राज्य में इस साल कितना मतदान हुआ। इन आंकड़ों में थोड़ा बहुत घटाव-जुड़ाव हो सकता है। चुनाव आयोग के मुताबिक 2017 में उत्तराखंड में चौथे विधानसभा चुनाव में 65.56 फीसद मतदान हुआ था।
चुनाव आयोग से मिले आंकड़ों के मुताबिक हरिद्वार जिले में सबसे अधिक 67.58 फीसद और सबसे कम मतदान अल्मोड़ा जिले में 50.65 फीसद हुआ। उत्तराखंड में 2017 के विधानसभा चुनाव में मतदान इस साल से ज्यादा हुआ था, तब भाजपा की 57 सीट आई थीं। राजनीतिक विश्लेषक डा धर्मेंद्र कुमार कहते हैं कि राज्य में 2017 के मुकाबले कम मतदान होना भाजपा के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।
उत्तकाशी जिला मतदान के मामले में अभी दूसरे स्थान पर आता है। इस जिले में अभी तक प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि 65.55 फीसद वोट पड़े। उत्तराखंड में इस बार ज्यादातर सीटों पर भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर होती दिखाई दे रही है। कुछ सीटों पर निर्दलीय, आम आदमी पार्टी, बसपा के उम्मीदवार कड़ी चुनौती दे रहे हैं।
उत्तराखंड में सबसे ज्यादा मतदान लक्सर विधानसभा सीट में 81.95 फीसद और सबसे कम मतदान सल्ट विधानसभा सीट में 46.01 फीसद हुआ है। राज्य की छह विधानसभा सीटों में 80 फीसद, 17 सीटोंं में 70 से 80 फीसद, 21 विधानसभा सीटों में 60 से 70 फीसद, 22 में 50 से 60 फीसद तथा चार सीटों में 50 फीसद से नीचे मतदान हुआ। धर्मेंद्र कुमार का कहना है कि इस साल मतदान 2017 के विधानसभा चुनाव से कुछ कम हुआ है।अब तक गया देखा गया है कि कम मतदान सत्तारूढ़ पार्टी के लिए सही संकेत नहीं माना जाता है।