उत्तराखंड में बुधवार (15 फरवरी) को 35,78,995 महिला मतदाताओं समेत कुल 74,20,710 मतदाता 13 जिलों में फैली 70 विधानसभा सीटों में 69 पर 628 प्रत्याशियों का भाग्य इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में बंद कर देंगे। कर्णप्रयाग सीट पर 12 फरवरी को बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी कुलदीप कान्वासी की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने के कारण वहां स्थगित हो गये चुनाव के कारण प्रदेश की 70 में से 69 सीटों पर ही बुधवार को मतदान हो रहा है। कर्णप्रयाग सीट पर मतदान के लिये चुनाव आयोग ने अब नौ मार्च की नयी तारीख घोषित की है। उत्तराखंड में ज्यादातर सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है लेकिन करीब एक दर्जन सीटों पर बतौर निर्दलीय खड़े हो गये बागी अपनी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों का चुनावी गणित बिगाड़ सकते हैं।
राहुल ने ऋषिकेश एवं सोमेश्वर में दो जनसभाएं की तथा हरिद्वार जिले में 75 किमी लंबा रोड शो किया। हरिद्वार उत्तराखंड का ऐसा जिला में जिसमें उत्तराखंड की अधिकतम 11 विधानसभा सीटें हैं। मुख्यमंत्री हरीश रावत मतदाताओं का विश्वास हासिल करने के लिए प्रतिदिन विभिन्न जनसभाएं और रोडशो कर रहे हैं। यह उनके राजनीतिक जीवन का संभवत: सबसे महत्वपूर्ण चुनाव है। निर्वाचन कार्यालय ने बताया कि बुधवार होने वाले मतदान की पूरी तैयारियां कर ली गयी हैं और मतदान प्रक्रिया को सुचारू ढ़ंग से संपन्न कराने के लिये पुलिस सहित करीब 30,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गयी है। सुरक्षाकर्मियों के अलावा करीब 60,000 मतदान कर्मियों को भी ड्यूटी में लगाया गया है।
प्रदेश में इन विधानसभा चुनावों में पहली बार तीन विधानसभा क्षेत्रों, हरिद्वार जिले के भेल रानीपुर, ऊधम सिंह नगर के रूद्रपुर तथा देहरादून जिले के धर्मपुर, में वीवीपैट मशीनों का भी इस्तेमाल किया जायेगा जिसके जरिये मतदाता खुद यह देख सकेंगे कि उनका वोट उसी प्रत्याशी को गया है जिसके लिये उन्होंने ईवीएम पर बटन दबाया था। भाजपा ने दोनों ही राज्यों में सत्तारूढ़ दलों पर भ्रष्टाचार को लेकर हमला बोला है। मोदी अपनी रैलियों में नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा भी कई बार उठा चुके हैं। कांग्रेस एवं सपा ने इसके जवाब में मोदी पर उनके वादों को पूरा नहीं करने और नोटबंदी के कारण आम आदमी को परेशानियों में डाल देने का आरोप लगाया है।
