यूपी विधान सभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 11 फरवरी को होगा। राज्य में कुल सात चरणों में मतदान होंगे। नतीजा 11 मार्च को आएगा। पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 15 जिलों की 73 विधान सभा सीटों के लिए मतदान होगा। इन विधान सभा सीटों पर कुल 838 प्रत्याशी मैदान में हैं। एडीआर ने इनमें से 836 प्रत्याशियों के चुनाव आयोग को दिए हलफनामे का विश्लेषण किया है।
यूपी में पहले चरण में 98 राजनीतिक दल मैदान में होंगे। इनमें पांच राष्ट्रीय दल, आठ क्षेत्रीय दल, 85 गैर-मान्यता प्राप्त दल और 293 निर्दलीय अपनी किस्मत आजमाएंगे। पहले चरण में मैदान में उतर रहे प्रत्याशियों में 302 (36 प्रतिशत) ने खुद को करोड़पति बताया है। पहले चरण में उतर रहे प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 2.81 करोड़ रुपये है। वहीं जिन 836 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया उनमें से 168 ( 20 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले हैं। इनमें से 143 (17 प्रतिशत) पर गंभीर आपराधिक मामले हैं।
पहले चरण में जिन उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में आपराधिक मामले चलने की जानकारी दी है उनमें से सबसे ज्यादा उम्मीदवार भाजपा के हैं। उसके बाद बसपा और सपा का स्थान है। सबसे कम आपराधिक मामले वाले उम्मीदवार निर्दलीय हैं।
यूपी में पहले चरण में चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा 5वीं से 12वीं पास हैं। उसके बाद स्थान है स्नातक या उससे अधिक तक की शिक्षा प्राप्त उम्मीदवारों की। वहीं कुछ उम्मीदवारों ने खुद को केवल साक्षर बताया है तो 15 ने खुद को निरक्षर।
शुरुआत भाजपा ने की लेकिन उसके बाद कांग्रेस और सपा ने भी बुजुर्ग नेताओं को किनारे लगाने की परंपरा का पालन किया। देश की आबादी में युवाओं के ज्यादा होने का सीधा प्रभाव टिकट बंटवारे पर भी दिख रहा है। यूपी में पहले चरण में 69 प्रतिशत प्रत्याशी 50 वर्ष या उससे कम उम्र के हैं।
