गौतमबुद्ध नगर की तीन विधानसभा सीटों नोएडा, दादरी और जेवर में कोई स्थानीय मुद्दा हावी नहीं है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि मतदाता 11 फरवरी को होने वाले चुनाव में केंद्रीय या राज्य मुद्दों को लेकर ही मतदान करेंगे। इस कड़ी में भाजपा पहले से ही कालेधन की रोकथाम के लिए नोटबंदी के ऐतिहासिक फैसले समेत भयमुक्त और विकासशील उत्तर प्रदेश को पहले ही चुनावी मुद्दा बता चुकी है। पारिवारिक विवाद से जूझ रही सत्ताधारी सपा का अखिलेश धड़ा भी विकास के मुद्दे पर ही जनता के बीच जाएगा। हालांकि सपा और कांग्रेस के बीच गठजोड़ होगा या नहीं, अगले 2-3 दिनों में यह तय होने के बाद किसी नए चुनावी मुद्दे के शामिल होने की गुंजाइश रहेगी।
वहीं बसपा अभी अपने प्रत्याशियों के टिकट तय करने में ही लगी है। सूत्रों के मुताबिक, बसपा चुनावी मुद्दे का आकलन सपा और भाजपा की स्थिति स्पष्ट होने के बाद करना चाहती है। ऐसे में परंपरागत मतदाताओं के अलावा पहली बार मतदान करने वालों को अपनी ओर खींचने के लिए पार्टियों में जबरदस्त होड़ शुरू हो गई है। जिले की तीनों सीटों पर करीब 12.75 लाख मतदाताओं में 59000 मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। 12 से 16 जनवरी के बीच भी नाम जोड़ने के चलते करीब 8-10 हजार और नए मतदाताओं के जुड़ने की उम्मीद है। अभी तक सीटवार नोएडा में 21733, दादरी में 24420 और जेवर में 12904 नए मतदाता जुड़े हैं।
पार्टी पदाधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, चुनाव में किसी ज्वलंत स्थानीय मुद्दे के हावी नहीं होने से पहली बार मतदान करने वाले उत्साहित युवाओं को अपने पक्ष में करना काफी आसान होता है। पहले जब मतदाता पर्ची मतदान केंद्र के बाहर लगने वाले पार्टी शिविरों से मिलती थी, तब पहली बार मतदान करने वाले को जिस पार्टी के शिविर से पर्ची मिलती थी। वह अमूमन उसी को वोट देता था। अब चूंकि फोटोयुक्त मतदान पर्ची मतदान से करीब 4-5 दिन पहले ही घर पहुंचाई जाएगी। इस वजह से पहली बार मतदान करने वालों को जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि भाजपा और उसके सहयोगी संगठन तकनीक समेत अन्य माध्यमों में बाकी दलों से बेहतर हैं। इस वजह से नए मतदाताओं की सूची तैयार कर संपर्क तेज करने का कहा गया है। इसी तरह सपा समर्थक भी गांव और बस्तियों में रहने वाले ऐसे लोगों को अपने पक्ष में करने में लगे हैं, जिनके राशन कार्ड व पहचान पत्र आदि उनके माध्यम से बने हैं।
