उत्तर प्रदेश में सियासी संग्राम छिड़ा है। लोकतंत्र की लड़ाई में हरेक नेता अपने-अपने तरीके से मतदाताओं को रिझाने में जुटा है। कई युवा नेता मौजूदा विधायकों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। उन्हीं में से एक है मनीष यादव पात्रे जो मुलायम परिवार के गढ़ इटावा में सपा के कद्दावर नेता शिवपाल सिंह यादव को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। पात्रे अपने समर्थकों के बीच पात्रे भैया के रूप में मशहूर हैं। भारतीय जनता पार्टी ने जसवंत नगर विधानसभा सीट से मनीष यादव पात्रे को अपना उम्मीदवार बनाया है।
पात्रे अपने परिवार में पहले सदस्य नहीं हैं जो राजनीति में सक्रिय हैं। इससे पहले उनके बड़े भाई दलबीर यादव भी राजनीति में थे। समाजवादी पार्टी में उनकी अच्छी पकड़ थी। वो युवाओं के बीच लोकप्रिय भी थे लेकिन साल 2003 में उनकी हत्या कर दी गई। मनीष का आरोप है कि मुलायम सिंह के परिवार ने ही उनकी भाई की हत्या कराई है। वो कहते हैं कि उनके भाई की लोकप्रियता से मुलायम परिवार बेचैन था, इसी वजह से उनकी हत्या की गई।
मनीष यादव पात्रे कहते हैं कि उन्होंने 19 साल की उम्र में ही राजनीति में कदम रख लिया था। छात्र राजनीति से सियासत में कदम रखने वाले पात्रे कहते हैं कि अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के लोग विकास के दावे कर रहे हैं जबकि हकीकत में स्थिति कुछ और है। पात्रे कहते हैं कि शिवपाल यादव को हराना उनका मकसद है। इसी मकसद के लिए उन्होंने 20 साल से घर परिवार को छोड़ दिया है। पात्रे युवाओं को राजनीति में आने के लिए भी प्रेरित करते हैं।
