उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव ने कई प्रत्याशियों की किस्मत बदल दी है। ऐसे ही एक शख्स हैं मुख्तार अहमद मसूदी जो कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और जीतकर मीरानपुर कत्रा से नगर पंचायत चेयरमैन बन गए हैं। अब उनकी जीत मायने इसलिए रखती हैं क्योंकि उन्होंने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है जिसमें उन्हें प्यार में तनहाई मिली, गरीबी ने उनका जीना दुश्वार किया और इस वजह से एक बार आत्महत्या करने की भी कोशिश हो गई। लेकिन अब मुख्तार अहमद मसूदी ने खुद ही अपनी जिंदगी बदल ली है, ऐसी राह पकड़ी है जहां पर अब वे खुद जनता की सेवा करने वाले हैं।

पत्नी ने छोड़ा, खाने के पड़े लाले

मुख्तार अहमद मसूदी बताते हैं कि 10 साल पहले उनकी जिंदगी में एक बड़ा बदलाव आया था। उनकी पत्नी उन्हें छोड़कर चली गई थीं। उसके बाद से वे तनहा रहने लगे,जीने का कोई सहारा नहीं बचा,ऐसे में मीरानपुर कत्रा रहने आ गए। वहां भी उनके पास कोई घर नहीं था, रहने कोई ठिकाना नहीं, इस वजह से फुटपाथ पर ही सोने लगे और जो खाने को मिलता, खा लेते। मुख्तार बताते हैं कि काफी समय तक उनकी स्थिति ऐसी ही रही, उन्होंने परेशान होकर अपनी जान देने की कोशिश तक की। उनके मुताबिक वे एक बार रेल की पटरी पर लेट गए थे, लेकिन कुछ युवकों ने उन्हें खीचकर बचा लिया और उनका आत्महत्या का प्रयास फेल हो गया।

मुख्तार की जिंदगी का ये टर्निंग प्वाइंट बन गया क्योंकि वे आत्महत्या तो नहीं कर पाए,लेकिन उनकी मुलाकात Shamiushshan Khan से हो गई जो उस समय मीरानपुर कत्रा के चेयरमैन थे। उन्होंने मुख्तार को एक नौकरी का ऑफर दिया, काम बड़ा नहीं था, लेकिन जिंदगी बदलने वाला साबित हुआ। Shamiushshan Khan के कहने पर मुख्तार ने कई सालों तक लाइट ऑपरेटर का काम किया। उनका काम सिर्फ स्ट्रीट लाइटों को जलाना और बंद करना रहा।

एक फैसला और बदल गई किस्मत

लेकिन फिर 2023 के यूपी निकाय चुनाव में एक बड़ा बदलाव हुआ, मीरानपुर कत्रा सीट को पिछड़ों के लिए आरक्षित कर दिया गया। यानी कि Shamiushshan Khan एक बार फिर चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उस समय मसूदी ने खुद ही ये ऑफर रख दिया कि वे यहां से चुनाव लड़ सकते हैं। पिछड़ी जाति से आते थे, ऐसे में Shamiushshan Khan ने भी इस विकल्प पर भरोसा जताया और कांग्रेस टिकट पर उन्होंने चुनावी मैदान में उतार दिया गया। अब नतीजे बताते हैं कि मुख्तार अहमद मसूदी ने 742 वोटों से ये चुनाव जीत लिया है। एक स्ट्रीट लाइट ऑपरेटर से लेकर उन्होंने नगर पंचायत चेयरमैन तक का सफर तय कर लिया है।