2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सरकार बनाती दिखाई दे रही है। भाजपा ने 274 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है जबकि दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी है, जिसके खाते में 124 सीटें हैं। सत्ताधारी दल ने कई जिलों में क्लीन स्वीप किया है जिनमें लखीमपुर खीरी भी शामिल है। लखीमपुर हिंसा मामले में कुल 8 लोगों की जान गई थी, जिसमें चार किसान भी शामिल थे। भाजपा ने विधानसभा चुनावों में यहां की सभी 8 सीटों पर जीत दर्ज की है।

शुरुआती रुझानों में जिले की 6 सीटों पर भाजपा को बढ़त थी लेकिन जैसे-जैसे गिनती आगे बढ़ी, भाजपा ने सभी सीटों पर कब्जा जमा लिया। जिले की पलिया विधानसभा सीट पर भाजपा ने कब्जा जमाया। वहीं, गोला सीट पर भाजपा के अरविंद गिरि ने चुनाव जीता। जबकि, निघासन सीट पर भाजपा के शशांक वर्मा को जीत मिली।

कस्ता सीट पर भाजपा के सौरभ सिंह सोनू ने सपा के सुनील लाला को हराया। मोहम्मदी सीट से बीजेपी प्रत्याशी लोकेंद्र प्रताप सिंह ने चुनाव में जीत हासिल की। धौराहरा विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी विनोद शंकर अवस्थी ने जीत हासिल की। श्रीनगर विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी मंजू त्यागी को जीत हासिल मिली। लखीमपुर सदर सीट से बीजेपी प्रत्याशी योगेश वर्मा ने सपा के उत्कर्ष वर्मा को हराया।

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत दी थी, जिसके बाद वे जेल से रिहा हो गए। दरअसल, बीते साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में चार किसानों को एक एसयूवी कार ने रौंद दिया था। ये किसान कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर वापस लौट रहे थे। आरोप है कि जिस एसयूवी से किसानों को कुचला गया वो केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें आशीष मिश्रा भी मौजूद थे।

इस मामले को लेकर सूबे की सियासत महीनों तक गरमाई रही। विपक्ष लगातार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का इस्तीफा मांगता रहा। वहीं, आशीष मिश्रा की जमानत के मुद्दे पर भी विपक्ष लगातार भाजपा पर हमलावर रहा।