उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और सभी को यह जानने की उत्सुकता है कि उत्तर प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी। उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर तमाम ओपिनियन पोल भी आ रहे हैं। इसी क्रम में आज तक चैनल पर ‘पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज’ नामक एक शो प्रसारित हो रहा था, जिसमें उत्तर प्रदेश के चुनाव को लेकर पूर्व के आंकड़े को दिखाया जा रहा था और उस पर चर्चा चल रही थी।

आज तक चैनल की इस डिबेट में बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला और समाजवादी पार्टी की तरफ से उनके नेता घनश्याम तिवारी आंकड़ों पर चर्चा कर रहे थे। डिबेट के दौरान सपा नेता घनश्याम तिवारी ने कहा कि जब पूरे देश में बेरोजगारी और महंगाई की बात चल रही है तो यह सब प्रधानमंत्री को क्यों नहीं दिखाई देता है? मुझे लगता है जब प्रधानमंत्री 12 करोड़ की गाड़ी, 10 लाख का सूट और एक लाख के चश्मे से देश को देखते हैं तब उन्हें बेरोजगारी नहीं दिखाई देती ,गरीबी नहीं दिखाई देती और उनको सिर्फ हेट स्पीच दिखाई देता है और नफरत की राजनीति दिखाई देती है। इसीलिए ये लोग हारेंगे।

सपा नेता घनश्याम तिवारी के जवाब में बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि इनका लग्जरी समाजवाद तो दिख रहा है। 10 करोड़ की बस में घूमते हैं ,व्हाइट हाउस जैसे घर में रहते हैं। 2012 में इन्होंने किसान आयोग का वादा किया था, उसका क्या हुआ? 20 घंटे बिजली कटती थी और मुफ्त में दंगे के अलावा आपने क्या दिया?

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने समाजवादी पार्टी के नेता से पूछा कि मैं पूछना चाहता हूं कि हम यह बोल रहे हैं कि हमने इतने घर बनाए , इतने हजार की सम्मान निधि दे रहे हैं। ये कोई काम नहीं गिना पा रहे हैं और हम पर हिंदुत्व और हिंदू का आरोप लगा रहे हैं। इनके नेता रफीक अंसारी कहते हैं कि हिंदूगर्दी चल रही है। उनको श्रीकृष्ण के सपने आते हैं, लेकिन बात जिन्ना की और तालिबान की करते हैं। अगर पंडित घनश्याम तिवारी में हिम्मत है तो उनका टिकट काटकर दिखाएं। क्या रफीक अंसारी का टिकट काटने की इनमें हिम्मत है?

सपा नेता घनश्याम तिवारी ने शहजाद पूनावाला का जवाब देते हुए कहा कि मैं फिर से कहना चाहता हूं कि ये टेलीप्रॉम्पटर पार्टी को 12 करोड़ की गाड़ी, 10 लाख का सूट और एक लाख के चश्मे से इनको गरीबी और बेरोजगारी नहीं दिखाई देगी। सिर्फ इनको चंद पूंजीपति दिखाई देंगे ,हिंदू मुसलमान की राजनीति दिखाई देगी। यह चुनाव बेरोजगारी का चुनाव है लेकिन यह उसे मुद्दा ही नहीं मानते क्योंकि जवाब नहीं है। यह चुनाव किसानों का चुनाव है लेकिन उसे मुद्दा नहीं मानते क्योंकि इन्होंने 2022 के लिए वादा किया था किसानों की आमदनी दुगनी करने का, लेकिन नहीं हुआ।

अंत में शहजाद पूनावाला ने कहा कि इनको श्रीकृष्ण के सपने नहीं आते होंगे। बल्कि किसी और के सपने आते हैं जिनकी तुलना सरदार पटेल से करते हैं। जिन्ना के सपने इनको आते हैं।